Top News

कारगिल दिवस: शहीद सैनिक विक्रम बत्रा की कहानी लेकर आ रहे हैं सिध्‍दार्थ मल्‍होत्रा, जानिए कौन थे कारगिल के हीरो कैप्‍टन विक्रम बत्रा

26 जुलाई 1999 का वो दिन जब भारतीय सेना ने पाकिस्‍तान के सैनिकों का हराकर कारगिल पर विजय प्राप्‍त की थी। आज के दिन कारगिल विजय दिवस भायतीय नायकों के सम्मान में मनाया जाता है। 

26 जुलाई, 1999 को आयोजित अभियान ‘ऑपरेशन विजय’ को पूरा कर भारतीय सेना ने अपने क्षेत्र से पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने के बाद लद्दाख में प्रमुख चौकियों पर नियंत्रण वापस ले लिया था। जब भी कारगिल विजय की बात आती है, जो एक नाम हमेशा ही लोगों की जुबान पर रहता है कैप्‍टन विक्रम बत्रा।

कारगिल जंग में शहीद हुए भारत के वीर सैनिक कैप्टन विक्रम बत्रा की वीरता को देखते हुए उन्‍हें शेहशाह नाम दिया गया था इतना ही नहीं विक्रम बत्रा की वीरता को देखते हुए उन्‍हें परम वीर चक्र से भी नवाजा गया था।

22 साल पहले कैप्टन विक्रम बत्रा ने कारगिल युद्ध में देश के लिए लड़ते हुए अपनी जान गंवाई थी। सालों तक, उनके जुड़वां भाई विशाल बत्रा ने विक्रम की कहानी को पर्दे पर बताने का सपना देखा। आखिरकार, रविवार को, कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर, विशाल शेरशाह टीम- सिद्धार्थ मल्होत्रा, कियारा आडवाणी, विष्णु वर्धन और करण जौहर- कारगिल युध्‍द की कहानी और विक्रम बत्रा की बायोपिक, शेरशाह के ट्रेलर रिलीज किया गया है।

फिल्‍म डायरेक्‍टर विशाल ने ट्रेलर लॉन्च के मौके पर कहा, कि “विक्रम पर फिल्म बनाना हमारा सपना था और शेरशाह प्रोजेक्‍ट पर 2015 से काम चल रहा था। लंबे समय के इंतजार के बाद आखिकार शेरशाह पर्दे पर रिलीज होने के लिए तैयार है।

यहां देखें शेरशाह फिल्‍म का ट्रैलर-

कौन थे कारगिल हीरो विक्रम बत्रा-

विक्रम बत्रा एक प्रसिद्ध भारतीय सेना अधिकारी थे, जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान देश के लिए लड़ते हुए केवल 24 साल की उम्र में अपनी जान दे दी थी। सिर्फ 24 साल की उम्र में अपनी जान देश के नाम करने वाले विक्रम बत्रा को परमवीर चक्र से नवाजा जा चुका है।

कैप्टन बत्रा 18,000 फीट की ऊंचाई पर प्वाइंट 4875 के लिए हमले का नेतृत्व किया था। कैप्टन बत्रा को उनकी असाधारण बहादुरी और नेतृत्व के लिए “शेर शाह” नाम दिया गया था। युद्ध नायक के सम्मान में उनकी बहादुरी और ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में एक पर्वत शिखर को ‘बत्रा पीक’ का नाम भी दिया गया है।

9 सितंबर, 1974 को हिमाचल प्रदेश के पालमपुर- कांगड़ा के में जन्मे, कैप्टन विक्रम बत्रा ने डीएवी पब्लिक स्कूल में पढ़ाई पूरी की। वहाँ पर मिडिल स्कूल पूरा करने के बाद, बत्रा ने अपना हाई स्कूल सेंट्रल स्कूल में पूरा किया।

उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए बत्रा ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में दाखिला लिया जहां से उन्होंने स्नातक किया। यहीं पर वह नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के एयर विंग में शामिल हुए थे। और उनकी जर्नी इंडियन आर्मी में शामिल हुई थी।

भारत पाकिस्‍तान कारगिल युध्‍द में विक्रम बत्रा के योगदान के लिए उन्‍हें हमेशा याद किया जाता है शहीद विक्रम बत्रा और अन्‍य कई सैनिकों की बदोलत 26 जुलाई, 1999 को भारत ने पाकिस्तान को हराया था। तब से, इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि ऑपरेशन विजय के साथ-साथ भारत के नागरिकों के सैनिकों, सैनिकों के गौरव और वीरता की भावना को फिर से जगाया जा सके।

यह भी जरूर पढें- “मैं मौत से नहीं डरता, डरता हूं तो बदनामी से” पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी द्वारा बोले गए ये 5 भाषण जिन्हें देश कभी नहीं भूल सकता!

Share post: facebook twitter pinterest whatsapp