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हर्षत मेहता स्कैम: जानिए क्या है भारत में हुए अब तक के सबसे बड़े घोटाले की कहानी

हर्षत मेहता स्‍कैम 1992 दशक में भारतीय स्‍टॉक मार्केट में अब तक का सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट घोटाला माना जाता है, जिसका मुख्य अपराधी, जाने-माना स्टॉक ब्रोकर हर्षद मेहता था। 5 हजार करोड़ के इस घोटाले की कीमत अगर आज देखी जाए तो लगभग 24 हजार करोड़ रूपये है।  

यह बैंक रसीदों और स्टैंप पेपर का उपयोग करके एक व्यवस्थित तरीके से की स्टॉक धोखाधड़ी थी जिसके कारण भारतीय शेयर बाजार पूरी तरह से ठप्‍प हो गया था। भारत की सुरक्षा प्रणाली पर इसका बहुत बड़ा असर हुआ था।

हाल ही में सोनी लिव “स्‍कैम 1992” सीरीज़ रिलीज हुई है जिसमें इस घौटाले की पूरी कहानी की दर्शाया गया है। स्‍टॉक मार्केट घोटाले पर बनी यह सीरीज़ लोगों द्वारा काफी पंसंद की जा रही है। जिसमें हर्षत मेहता के कैरेक्‍टर को काफी पंसंद किया जा रहा है।

यहां देखें ट्रैलर-

कौन था हर्षत मेहता?

29 जुलाई 1994 में राजकोट के पनेल मोटी इलाके में पैदा हुआ यह शख्‍स दुनिया के इतिहास में आज जाना माना चेहरा है। मुबंई से 1976 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने अपनी पहली नौकरी न्‍यू इंडिया अश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड में बतौर सैल्‍स मेन के तौर पर की उसी वक्‍त उनका इंटरेस्‍ट शेयर मार्केट में जागा। शेयर मार्केट उस वक्‍त एक सोने की चिडि़या के रूप में माना जाता था अमीर बनने वाले लोगों के हर सपने में शेयर मार्केट का जिक्र था। हर्षत ने अपनी पहली नौकरी छोड़कर ब्रोक्रेज फर्म में नौकरी ज्‍वॉइन की। अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए 1984 में खुद की ग्रो मोर रीसर्स एंड असेट मैनेजमेंट नीम की कंपनी की शुरूआत की और यहां से हर्षत के स्‍टॉक मार्केट का सफर शुरू हुआ।

स्‍टॉक मार्केट का सबसे भरोसेमंद माना जाने वाला यह इंसान कुछ अलग करने की फिराक में था और फिर वह हुआ जिसने देश की हालत ही बदल दी।

क्‍या था हर्षत मेहता घोटाला?

1990 वह समय था जब हर्षत की कंपनी में बड़े इवेस्‍टर पैसा लगाने लगे थे। यह समय था जब स्‍टॉक मार्केट में ह‍र्षत का नाम छा रहा था मैगजीन से लेकर अकबारों सिर्फ एक ही नाम की गूंज थी। छोटी से कंपनी से शुरूआत करने वाला हर्षत मेहता आज पूरी बंबई के स्‍टॉक मार्केट पर राज कर रहा था। लेकिन सवाल यह था कि इतने कम पैसों से हर्षत करोड़ो रूपये कैसे कमा रहा था।

हर्षत की कंपनी ऐसा क्‍या कर रही थी जो देश की बड़ी बड़ी कंमपिनियां नहीं कर पा रही थी। इन्‍हीं सवालों पर टाइम्‍स ऑफ इंडिया के मशहूर पत्रकार सुचेता दलाल ने उनका पर्दाफाश किया। उन्‍होनें बताया की कैसे हर्षत बैंक से 15 दिन का लॉन लेता था और स्‍टॉक मार्केट में पैसा लगा देता था। और बात में 15 दिन के भातर वह बैंक को मुनाफे के साथ पैसा लौटा देता था।

लेकिन सवाल यह था कि कोई बैंक 15 दिन के लिए लॉन नहीं देता तो फिर यह कैसे पॉसिबल था। इसी नजर डालते हुए सुचेता दलाल ने बताया की कैसे हर्षत फेक बीआर बनवाता था। और कई सारे बैंक से एक साथ पैसे ले लेता था।

जब फेक बीआर का खुलासा हुआ तो सभी बैंको ने उससे अपने पैसे मांगने वापस कर दिए। बाद में जब पूरा खुलासा किया गया तो मेहता पर 72 क्रमिनर चार्ज लगाए गए।

कैसे करता था घोटाला?

72 क्रमिनल चार्ज के बाद भी हर्षत ने घोटाला करना जारी रखा अखबारों के जरिए उसने कुछ कॉलम्‍स लिखे जिसमें वह इंवेस्‍टरस को सलाह देता था कि किस कंपनी में पैसा लगाएं जिससे आपका फायदा हो और मेहता उन कंपनी में पैसे लगाने की सलाह देता था जिसमे उसका खुद का पैसा लगा हो।

सुप्रीम कोर्ट ने हर्षत को कई केस में दोषी करार देते हुए 25000 रूपये का जुर्माना लगाया और 5 साल की सजा हुई।

यह उस छोटे से मिडिल क्‍लास इंसान की थी जो अपनी छोटी सी नौकरी के साथ करेाड़ पति बनने के सपने देख रहा था और इन्‍हीं सपनों का पीछा करते हुए उसने पूरी दुनिया में अपना नाम बना लिए लेकिन रास्‍ता गलत था जिसकी उसे सजा भी मिली।

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