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Gulmohar : पुराने और नए दौर के किस्सों से जोड़ती है “गुलमोहर’

Gulmohar

Gulmohar: आज का समय जितना जल्दी आगे बढ़ रहा है, उतना ही अपनों को पीछे छोड़ रहा है हर बच्चे का पहला स्कूल उसका अपना परिवार होता है जहां वह बच्चा अपने जिंदगी से जुड़े तौर तरीकों को सीखता है। जब वो बचपन से चलना, दौड़ना, और लोगों से बात करना सीखता है तो वह अपने अस्तित्व और आदर्शों को सीखता है।

GULMOHAR

Credit: Google

वही इस कड़ी में हम जब हम बड़े होते हैं तो अपने परिवार से दूर होने लगते हैं। हम आज कल सोशल मीडिया से लेकर खुदमें इतना उलझे हुए है कि न चाहते हुए भी हम अपनों के लिए थोड़ा भी वक्त नहीं निकाल पाते। खासकर ये चीज शहरों में ज्यादा देखने को मिलती है। और इसी पारिवारिक महत्व और भूमिका को दिखाने वाली फिल्म ‘Gulmohar’ है जो आज डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हो चुकी है।

Gulmohar कहानी क्या कहती है

Gulmohar: इस फिल्म में एक छत के नीचे तीन पीढ़ियों को दिखाया गया है। घर की मुखिया जो कुसुम (शर्मिला टैगोर) बनी हुई हैं। उनके देवर उनपर ताना मारते हैं कि बत्रा परिवार की बहू अपने पोते पोतियों के साथ तो शराब पीती हैं यह ठीक बात नहीं हैं। वही कुसुम का बेटा बहुत आज्ञाकारी है लेकिन उनके अपने बच्चों की पसंद और आदतों ने उन्हें दिक्कतों में डाल दिया है।

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जिसकी वजह से बत्रा परिवार के रिश्ते धीरे-धीरे कमजोर हो रहे हैं। इसी कारण से परिवार की तीन पीढ़ियां अब एक दूजे से अलग-अलग होना चाहती हैं। वही एक अमीर परिवार के इकलौते बेटे के रूप में मनोज बाजपेयी ने स्क्रीन पर जोरदार अभिनय किया है। मूवी में उन्हें उदास,बैचेन और  सिस्टम से मुकाबला करते हुए दिखाया गया है।

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जहां परिवार की तीनों पीढ़ियां अपने तरीके से जिंदगी जीना चाहती हैं। वही कुसुम अब अपनी बाकी की जिंदगी अकेले पोडिंचेरी में बिताना चाहती हैं। अपने अकेलेपन को खत्म करने की कोशिश में जतिन गोस्वामी ने भी पर्दे पर बढ़िया अभिनय करते नजर आरहें हैं।

तो अब सवाल ये है कि क्या Gulmohar की तीनों पीढि़यां एक साथ एक छत के नीचे हँसी-खुशी रह पाएंगी ? क्या उनके बीच के गिले-शिकवे खत्म हो पाएंगे? ऐसे सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखना होगा।  

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Gulmohar में किसने की है एक्टिंग 

जहां एक तरफ गुलमोहर में मनोज बाजपेयी ने अपनी शानदार एक्टिंग से चार चांद लगाने का काम कर रहें हैं वही  इस फिल्म के जरिए अपने दौर की जानी मानी अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने तकरीब 12 साल बाद फिल्मी पर्दे पर वापसी की है। एक मां के किरदार में शर्मिला टैगोर ने स्क्रीन पर खास छाप छोड़ी है।

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जबकि सिमरन ने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है। वहीं सूरज की एक्टिंग की बात करें तो उन्होंने भी फिल्म में बेहतरीन एक्टिंग की है। 

Gulmohar का डायरेक्शन

Gulmohar: गौरतलब है कि राहुल वी चित्तेला ने अपनी पहली फिल्म से फैंस का अच्छा खासा दिल जीत लिया है। ‘गुलमोहर’ फिल्म को लेकर राहुल की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम पड़ेगी। आपको “गुलमोहर” फिल्म के कुछ डायलॉग्स अपनी लाइफस्टाइल और परिवार के बारे में सोचने पर मजबूर कर देंगे। 

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या कह सकते है कि आप अपनी जिंदगी को जोड़ पाएगें। बतौर निर्देशक उन्होंने यह अच्छे से डिसाइड किया है कि किस किरदार को स्क्रीन पर कितना समय देना है। एक फिल्म को बेहतरीन बनाने के लिए जितनी तकनीक और विजुअल इफेक्ट्स इस्तेमाल किया जाता हैं, इस फिल्म में वह सब अच्छे से इस्तेमाल किया गया है।

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