Google: अल्फाबेट इंक के स्वामित्व वाली गूगल ने आगामी आम चुनावों के दौरान गलत सूचना के प्रसार को रोकने, गलत कंटेंट को बढ़ावा देने और एआई से तैयार किए गए डाटा को रोकने के लिए भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के साथ हाथ मिलाया है। गूगल इंडिया ने इसकी जानकारी अपने एक ब्लॉग में दी है।
Google ने की ECI के साथ साझेदारी
इस बात की जानकारी खुद गूगल इंडिया के ब्लॉग पोस्ट पर दी गई है। Google India ने मंगलवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि उसके फीचर चुनावों के लिहाज से वास्तविक जानकारी लोगों तक पहुंचाने के अनुसार डिजाइन किए गए हैं।
गूगल ने इस ब्लॉग पोस्ट में बताया कि हम भारतीय चुनाव आयोग के साथ मिलकर गूगल सर्च को चुनाव को देखते हुए बेहतर बनाने पर काम कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि चुनाव के दौरान यूजर्स को गूगल सर्च से कोई भी मिसइन्फोर्मेशन न मिले।
AI जनरेटेड कंटेंट से निपटने के लिए पॉलिसी
गूगल ने कहा कि हम हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लोगों को वोट करने के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इलेक्शन के दौरान एआई जनरेटेड कंटेंट का बोलबाला न हो, इसके लिए हम सुनिश्चित करेंगे कि एक आम यूजर भी चुनाव संबधी एआई जनरेटेड कंटेंट की पहचना कर सके।
बता दें गूगल ने पहले ही ड्रीम स्क्रीन जैसे YouTube जेनरेटरेटिव AI फीचर्स के साथ बनाए गए कंटेंट के लिए लेबलिंग प्रदर्शित करना शुरू कर दिया है। अब यूट्यूब क्रिएटर्स को भी बताने की जरूरत होगी कि जो कंटेंट बनाया गया है वह पूरी तरह से ऑथंटिक और सही स्त्रोत पर बेस्ड है।
इस तरह के मौके पर विज्ञापनदाता एआई का गलत इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हम भी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम लोगों को अधिक पारदर्शिता के साथ जानकारी मिले। हमारी विज्ञापन नीतियां पहले से ही लोगों को गुमराह करने के लिए हेरफेर किए गए मीडिया के इस्तेमाल पर रोक लगाती हैं, जैसे डीपफेक या छेड़छाड़ की गई सामग्री।
Google ने कहा कि वह एआई से तैयार किए गए कंटेंट को यूट्यूब पर पहले से ही लेबल करना शुरू कर दिया है। गूगल ने हाल ही में कोलिशन फॉर कंटेंट प्रोविनेंस एंड ऑथेंटिसिटी (C2PA) के साथ साझेदारी की है।
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