प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट से Dindori की लहरी बाई का जिक्र करते हुए लिखा कि “विलुप्त हो रहे मोटे अनाज के बीज बचाने की प्रशंसा कर अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक बताया है”। केन्द्रीय बजट में मोटे अनाज को ग्लोबल पहचान दिलाने की पहल की जा रही है।
आसपास के 25 गांवों में चला रही है अनाज बैंक
लहरी बाई ने अपने गाँव सहित आसपास के दो दर्जन से अधिक गाँव के किसानों को अनाज के बदले यह बीज उपलबद्ध करती है। जिले में मोटे अनाज बोबनी का रकबा और बढ़ाने की तैयारी भी कलेक्टर ने तेज़ कर दी है।
मुख्य मंत्री शिवराज ने गत दिनों यह कहकर कि Dindori जिले में मोटे अनाज के प्रसंस्करण को लेकर पहले से ही कार्य चल रहा है।
बैंक में यह है विलुप्त प्रजाति के बीज
Proud of Lahari Bai, who has shown remarkable enthusiasm towards Shree Ann. Her efforts will motivate many others. https://t.co/rvsTuMySN2
— Narendra Modi (@narendramodi) February 9, 2023
बैंक में तीन प्रकार के विलुप्त सलाहकार के बीज सहित इसी तरह बड़े कोदो, लदरी कोदो, डोंगर कुटकी, लाल डोंगर कुटकी, सितही कुटकी, नगड़बन कुटकी, ललमड़िया, गोदपारी मड़िया सहित अन्य बीज भी महिला के बीज बैंक में उपलब्ध है। यह अनाज अब वैगाचक क्षेत्र में दिखने लगा है। अपने आवास में मिट्टी की कोठी बनाकर बीज को संरक्षित रखा गया है।
लहरी बाई के पास विलुप्त हो रहे मोटे अनाज के 25 से अधिक प्रजाति के बीज है। पिछले 10 साल से लहरी बाई Dindori और अपने आसपास के 25 गांवों के आदिवासी किसानों को अनाज उपलब्ध कर रही है।
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CM शिवराज ने कहा
मुख्यमंत्री ने भी इसे विस्तार देने की बात कही है। लहरी बाई को कलेक्टर विकास मिश्रा ने गणतंत्र दिवस के समारोह में मुख्य अतिथि भी बनाया गया था। जिले में यह पहला अवसर था,
जब किसी बैगा महिला को गणतंत्र दिवस के समारोह में मुख्य अतिथि बनाकर मंच पर बैठाया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में ‘श्रीअन्न’ (मोटे अनाज) के लिए बड़ा एलान किया गया है। भारत मोटे अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
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