नर्मदा तट के 300 मीटर क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण, अवैध खनन और नदी में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर विगत 256 दिनों से अन्न त्याग कर सत्याग्रह कर रहे समर्थ सद्गुरु संत भैयाजी सरकार (Sant Bhaiya ji Sarkar) को मंगलवार रात को नाजुक हालत में जबलपुर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों के अनुसार भैया जी सरकार पिछले 256 दिनों से अन्न त्याग कर लगातार अनशन कर रहे हैं। ऐसे में शरीर में कमजाेरी आ जाने के कारण उनकी ऐसी हालत हो गई है।
गौरतलब है कि नर्मदा किनारे अवैध निर्माणों से दुखी संत भैयाजी सरकार 17 अक्टूबर 2020 से अन्न आहार का परित्याग कर नर्मदा जल पर पिछले 256 दिनों से सत्याग्रह कर रहे हैं।
नर्मदा में अवैध निर्माण और अवैध खनन रुकवाना मुख्य उद्देश्य :
दरअसल नर्मदा मिशन (Narmada Mission) द्वारा जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) में दायर की गई याचिका पर फैसला देते हुए माननीय न्यायालय ने मई 2019 और जुलाई 2019 में स्पष्ट आदेश दिए थे कि नर्मदा के 300 मीटर क्षेत्र में अवैध निर्माण, अतिक्रमण और खनन पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए।
इसके बावजूद नर्मदा के उच्च बाढ़ स्तर (एचएफएल) से 300 मी. क्षेत्र में लगातार अवैध निर्माण, अतिक्रमण और अवैध खनन हो रहा है। साथ ही नदी में हर जगह गंदे नाले भी मिल रहे हैं। जिससे विषैले रासायनिक पदार्थों के साथ अन्य अपशिष्ट भी नदी में मिल रहे हैं।
वहीं नदी के आसपास ग्रीन कैचमेंट एरिया और जंगलों को भी तेजी से खत्म किया जा रहा है। जिसके कारण नदी के जल संग्रहण क्षमता तेजी से कम हो रहा है।
नर्मदा गौ सत्याग्रह के मुख्य उद्देश्य
1.मां नर्मदा तथा गोवंश को बचाने की निर्णायक मुहिम।
2. मां नर्मदा में मिल रहे गंदे नालों को बंद कराना।
3.मां नर्मदा को जीवंत इकाई का दर्जा दिलाना।
4. मां नर्मदा जल संग्रहण हरित क्षेत्र (कैचमेंट एरिया) को पूर्णत: संरक्षित करना।
5.मां नर्मदा तथा गौ माता के लिए समग्र नीति कानून बनवाने एवं योजनाओं नीति कानून को नर्मदा पथ में क्रियान्वित करना।