Civil Judge Recruitment: देशभर में सभी राज्यों में समय समय पर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के पदों भर्तियां निकलती रहती हैं। अगर आपका सपना भी सिविल जज बनने का है तो इसके लिए सबसे जरूरी है योग्यता। इस भर्ती में भाग लेने के लिए उम्मीदवारों को लॉ में ग्रेजुएट होना अनिवार्य है और साथ ही अभ्यर्थी की न्यूनतम 18 वर्ष से कम और 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
सिविल जज बनने के लिए कौन सा एग्जाम देना पड़ता है?
जज बनने के लिए आप 5 वर्षीय या तीन वर्षीय एलएलबी कोर्स कर सकते हैं। कोर्स करने के बाद आपको ज्यूडिशियल सर्विस प्रतिगोगिता परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। इसमें सफल उम्मीदवारों को ट्रेनिंग के बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट या न्यायिक मजिस्ट्रेट पद पर नियुक्त किया जाता है।
सिविल जज (जूनियर डिवीजन) पद के लिए क्या है योग्यता
इस पद पर आवेदन करने के लिए अभ्यर्थी का किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/ संस्थान से लॉ में स्नातक उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त भर्ती में आवेदन करते समय अभ्यर्थी क न्यूनतम आयु 18 वर्ष से कम और 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों को ऊपरी आयु सीमा में नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है।
कैसे होगा चयन(Civil Judge Recruitment)
इस भर्ती में भाग लेने के लिए सबसे पहले अभ्यर्थी को भर्ती निकलने पर आवेदन करना होगा। आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को पहले प्रीलिम एग्जाम/ स्क्रीनिंग टेस्ट में भाग लेना होगा। इस परीक्षा में निर्धारित कटऑफ अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार मुख्य परीक्षा के लिए क्वालीफाई हो जायेंगे। इसके बाद मुख्य परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को ओरल टेस्ट आदि के लिए बुलाया जाएगा।
सभी चरणों में सफल उम्मीदवारों को अंत में मेडिकल टेस्ट में शामिल होना होगा। मेडिकली रूप से फिट उम्मीदवारों को अंतिम मेरिट लिस्ट में जगह प्रदान की जाएगी। इस पद पर चयनित होने वाले उम्मीदवारों को राज्यों के अनुसार निर्धारित पे- लेवल के अनुसार अलग- अलग वेतन प्रदान किया जायेगा।
सबसे कम उम्र का सिविल जज कौन है?
Mayank Pratap Singh From Jaipur Set To Become Indias Youngest साल 2018 तक न्यायिक सेवा परिक्षाओं में बैठने की उम्र 23 साल तक थी, जो कि इसी साल 2019 में राजस्थान हाई कोर्ट ने घटाकर 21 वर्ष कर दी थी. राजस्थान: 21 साल के मयंक प्रताप सिंह (Mayank Pratap Singh) भारत में सबसे कम उम्र में जज बनने वाले शख्स बन गए हैं.
जज की नौकरी कितने साल की होती है?
वर्तमान में हाईकोर्ट के जज 62 साल की आयु पूरी होने के बाद रिटायर हो जाते हैं, लेकिन 114वां संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के बाद हाईकोर्ट के जजों के रिटायरमेंट की आयु सीमा भी बढ़कर 65 साल हो जाएगी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के जज 65 साल की आयु में रिटायर होते हैं।
क्या हम बिना वकील हुए सीधे जज बन सकते हैं?
आमतौर पर, न्यायाधीश बनने के योग्य होने के लिए एक उम्मीदवार के पास वकील के रूप में कम से कम 7 साल का अनुभव होना चाहिए। न्यायिक सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करें: न्यायाधीश बनने के लिए, व्यक्ति को राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित न्यायिक सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
सिविल जज का वेतन कितना होता है?
56100 रुपये शुरुआती सैलरी है. 9537 रुपये महंगाई भत्ता 70000 रुपये सकल वेतन सिविल जज का वार्षिक वेतन 65000 रुपये है।
भारत में जज बनने की अधिकतम उम्र कितनी है?
भारत में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री होना एक अनिवार्य मानदंड है। आपको राज्य बार काउंसिल की सदस्यता के साथ अधिवक्ता अधिनियम 1961 के तहत एक वकील के रूप में नामांकित होना चाहिए। (कुछ राज्यों के लिए अनिवार्य) आपकी न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए, और जज परीक्षा के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 है।