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विश्व स्तनपान सप्ताह पर विशेष : नवजात शिशु की पहली वैक्सीन है स्तनपान, जानिए नवजात को कैसे कराएं सुरक्षित स्तनपान 

जन्म के तुरंत बाद नवजात को स्तनपान कराया जाना चाहिए। इससे नवजात शिशु को जीवन रक्षक कोलोस्ट्रम मिलता है। इसके अलावा छः माह तक नवजात को केवल स्तनपान ही कराना चाहिए। दरअसल आज के समय में भी जानकारी के अभाव में कई माताएं अपने नवजातों को शहद की घुट्‌टी और पानी पिला देती हैं, जिससे बच्चों को नुकसान ही होता है। 

गत दिनों जेपी अस्पताल के मातृ शिशु वार्ड में माताओं को सुरक्षित स्तनपान की जानकारी दी गई। साथ ही बताया गया कि मां का दूध नवजात के लिए जीवन रक्षक वैक्सीन के समान है। 

2 साल तक पिलाएं नवजात को अपना दूध : 
नवजात को जन्म के तुरंत बाद पानी या शहद की घुट्टी नहीं पिलानी चाहिए। आज भी कई लोग पुरानी परंपराओं के मद्देनजर नवजात को जन्म के बाद शहद की घुट्‌टी देते हैं। वहीं स्तनपान ही बच्चे का पहला टीका है। इससे नवजात को जीवन रक्षक कोलोस्ट्रम मिलता है। इसलिए जन्म के बाद बच्चे को स्तनपान जरूर कराना चाहिए।

वहीं जब बच्चा 6 माह का हो जाए तो बच्चे को ऊपरी आहार के साथ मां को अपना दूध कम से कम 2 साल तक पिलाना चाहिए।


स्तनपान से माताओं को भी लाभ : 
स्तनपान से मां को भी काफी लाभ हाेता है। स्तनपान प्रसव के बाद होने वाली खून की क्षति को कम करता है। प्राकृतिक रूप से दोबारा गर्भधारण टालने में मदद मिलती है। गर्भाशय को उसके पूर्व आकार में आने में मदद करता है। भविष्य में गर्भाशय कैंसर, स्तन कैंसर तथा अंडाशय का कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है। गर्भावस्था के दौरान बढ़ा हुआ वजन कम हो जाता है और प्रसव के बाद होने वाले मोटापे से बचाता है।

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