जहां एक तरफ देश पहले से ही इतनी सारी समसस्याओं से गुजर रहा वही अमेरिका से आयी एक और खबर से देश को काफी नुकसान हो सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति, डोनाल्ड ट्रम्प ने इस साल के अंत तक भारतीय तकनीकी पेशेवरों द्वारा सबसे अधिक मांग वाले एच -1 बी सहित विभिन्न गैर-आप्रवासी वीजा पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
इस कदम से लगभग 85,000 कर्मचारी प्रभावित होंगे जिनका इस साल 2,25,000 आवेदकों में से H-1B वीजा जारी किया गया था। … वर्तमान में भारत में शीर्ष तकनीकी फर्मों द्वारा लगभग 3-4 लाख एच -1 बी वीजा धारकों को नियुक्त किया जा गया है और खाड़ी क्षेत्र में 60% से अधिक इंजीनियर एच -1 बी वीजा धारक हैं।
ट्रम्प ने स्थानीय अमेरिकियों के रोजगार को प्राथमिकता देने के साथ-साथ इसे और अधिक “योग्यता-आधारित” बनाने के लिए मौजूदा आव्रजन प्रणाली को “सुधार” करने की भी मांग की है। व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह उपाय अमेरिकियों के लिए 5,25,000 नौकरियों को आरक्षित करने में मदद करेगा।
क्या है H-1B बीजा?
यह एक गैर प्रवासी वीजा है जो भारतीय आईटी कंपनी और पेशेवरों के अपनी सेवाओं को नियोजित करने के लिए दिया जाता है। भारतीय आई कंपनी में इसकी सबसे अधिक मांग है। अमेरिकी सरकार द्वारा हर साल 85,000 एज-1 बी वीजा जारी किए जाते हैं जो इस समय प्रभावति हुए हैं।
यह भी जरूर पढ़े- भारत में लॉन्च हुई कोरोना टैबलेट फैबीफ्लू इस कीमत में होगी उपलब्ध