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एमपी में ब्लैक फंगस के 600 मरीज, शुरुआती दौर में संक्रमण पर काबू करने की तैयारी

मध्य प्रदेश में अब कोरोना से ज्यादा ब्लैक फंगस का संक्रमण लोगों को डराने लगा है। पूरे प्रदेश में अब तक म्यूकोरमाइकोसिस के 600 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 31 लोगों की मौत हुई है। संक्रमण के तेजी से फैलने के कारण इसके इलाज में उपयोग होने वाली ड्रग एंफोटेरिसिन बी लाइपोसोमोल की कमी ने समस्या को और विकराल कर दिया है।

मंगलवार को संक्रमण के कारण भोपाल में चार मौतें दर्ज हुईं, जिनमें दो मौतें हमीदिया अस्पताल में और एक-एक मौत चिरायु व पालीवाल अस्पताल में हुई है। 

हमीदिया में सर्जरी के लिए वेटिंग : 
जिले के सबसे बड़े अस्पताल हमीदिया में इस वक्त ब्लैक फंगस के 50 से ज्यादा पेशेंट एडमिट हैं। यहां 30-30 बेड के दो वार्ड बनाए गए हैं। वहीं तीसरे वार्ड को जल्दी तैयार करने की तैयारी है। ज्यादा पेशेंट को देखते हुए यहां मरीजों की सर्जरी के लिए वेटिंग सिस्टम लागू किया गया है।

आरकेडीएफ में 60 बिस्तरों का स्पेशल वार्ड तैयार : 
मंगलवार को पांच मरीजों की सर्जरी हुई, जिसमें से 2 की मौत हो गई। हमीदिया प्रशासन के अनुसार विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण ऑपरेशन में देरी हो रही है। होशंगाबाद रोड स्थित आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज में भी 60 बिस्तरों का विशेष वार्ड तैयार किया गया है। मेडिकल काॅलेज में 30 बिस्तरों का मेल और 30 बिस्तरों का फीमेल वार्ड तैयार किया गया है।


शुरुआती दौर में संक्रमण को खत्म करने की तैयारी : 
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की मानें तो बीमारी की नि:शुल्क जांच के लिए विशेष डेस्क बनाई जा रही है। साथ ही नि:शुल्क एंडोस्कोपी जांच की भी व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश को सनफार्मा कंपनी से एंफोटेरिसिन बी लाइपोसोमोल की 2500 वायल प्राप्त हो चुकी हैं। वहीं 10 हजार वायल मायलॉन कंपनी उपलब्ध करवाएगी।

लापरवाही करने पर गंवाने पड़ रहे हैं अंग : 

जीएमसी के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. यशवीर बताते हैं कि संक्रमण सबसे पहले नाक से शुरू हो रहा है। इसलिए सबसे पहले नाक की जांच हम नोजल एंडोस्कोपी जिसे दूरबीन पद्धति से की जाती है। यदि संक्रमण सिर्फ नाक तक सीमित है तो नाक की सर्जरी कर फंगस को दूर कर दिया जाता हैं। यदि संक्रमण बढ़कर आंख या चेहरे पर पहुंच गया है तो फिर उस हिस्से की सर्जरी करना पड़ती है।

संक्रमण से निपटने टास्क फोर्स गठित : 
इसी समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा एक टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है। जिसमें प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग, एसीएस एसपी दुबे और हमीदिया अस्पताल के लोकेंद्र दवे शामिल हैं।

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