दरअसल मप्र के सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के संगठन में हाल ही में एक पद पर नियुक्त हुए एक वरिष्ठ नेता अपने व्याभिचारी और बदतमीज सहयोगी के कारण अपने कर्मठ और अच्छे कार्यकर्ताओं से दूर होते जा रहे हैं। महोदय का यह सहयोगी उनके करीबी कार्यकर्ताओं को एक-एक कर उनसे दूर करता जा रहा है। मंगलवार को एक पारिवारिक कार्यक्रम में भी नेताजी के खास सहयोगी ने कुछ ओछी हरकतें कीं, जिससे कई लोग नाक मुंह बनाते हुए चुपचाप ही कार्यक्रम से बाहर निकल गए।
खास सहयोगी के लिए लिखे अपमानजनक शब्द :
नेताजी के इस सहयोगी ने पूर्व में उनके एक खास सहयोगी के लिए सोशल मीडिया पर बहुत ही ज्यादा अपमानजनक और अनैतिक शब्दों का प्रयोग किया। जिसके कारण पूर्व सहयोगी नेताजी के साथ जुड़ा तो है, लेकिन उसने उनके कार्यालय आना ही छोड़ दिया। इसके बावजूद भी नेताजी ने अपने बदतमीज सहयोगी पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। जिसके कारण अब यह सहयोगी खुद को तीस मार खां समझते हुए कई मौकों पर राजधानी के कई गणमान्य लोगों से बदतमीजी कर चुका है।
पुराने भोपाल की राजनीति से जुड़े लाेगोंं की मानें तो जनाब मन में किसी राजनीतिक पद की लालसा लिए नेताजी से जुड़ा है। इसी कारण एक-एक कर नेताजी को अपने सभी बुद्धिजीवी और समझदार कार्यकर्ताओं से दूर करता जा रहा है।
अनैतिक बातचीत से नेताजी ही हो जाते हैं असहज :
वर्तमान में नेताजी से जुड़े एक अन्य सहयोगी ने हमें बताया कि कई बार सहयोगी की अनैतिक बातचीत और हरकतों के कारण नेताजी ही असहज हो जाते हैं। कई बार बातचीत का स्तर इतना निम्न होता है कि नेताजी को अगले-बगलें झांकनी पड़ती है। वहीं समझदार वर्ग भले ही उन्हें सामने से कोई शिकायत न करे, लेकिन आपस में इतनी बातचीत जरूर कर रहा है कि कहीं अपने इसी सहयोगी के कारण नेताजी को कोई भारी नुकसान न झेलना पड़ जाए।