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Allopathy vs Ayurveda: आयुर्वेदिक या एलोपैथिक, जानिए किसका इलाज है भरोसेमंद?

आज के इस कोरोना महामारी के दौर में हमें ये जानना अत्यंत आवश्यक हो गया है कि हमें खुद को स्वस्थ बनाए रखने के लिए किस चिकित्सा प्रणाली को अपनाना चाहिए या किन दवाईयों का सेवन करना चाहिए। कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में बहुत से लोगों ने घर रहकर आयुर्वेदिक उपचार से खुद को स्वस्थ किया है तो कुछ लोगों ने अपना एलोपैथी उपचार कराया।

आइए जानते हैं किआयुर्वेद चिकित्सा और एलोपैथी चिकित्सा आखिर क्या है

आयुर्वेद (ayurvedic) चिकित्सा क्या है?

आयुर्वेद दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणाली है जो कि हमें हजारों वर्षों से स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखा रहा है। अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए प्राचीन भारत में आयुर्वेद को रोगों के उपचार और स्वस्थ जीवन शैली व्यतीत करने का सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना जाता था। जिसमें औषधियों और दर्शन दोनों का अद्भुत मिश्रण है। आयुर्वेदिक दवाईयां प्रकृति द्वारा बनाए गए साधनों द्वारा निर्मित चिकित्सा प्रणाली है जो कि आयुर्वेद पूर्ण रूप से पेड़-पौधों, जड़ी-बूटियों, आदि पर निर्भर करता है। इसे ऋषि-मुनियों द्वारा कई युगों पहले लाया गया था, जो आज भी चिकित्सा का एक बहुत उपयोगकारी विकल्प है। यह चिकित्सा प्रणाली भारत में ही अधिक प्रचलित है।

आयुर्वेदिक दवाईयों के प्राकृतिक होने के कारण कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं हैं। इसके पांच हजार से अधिक पुराने इतिहास में, इसने लोगों की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास में बहुत योगदान दिया है।

आयुर्वेद चिकित्सा के लाभ – Benefits of Ayurveda therapy

  • आयुर्वेद ऋषि-मुनियों के द्वारा खोजी गई बहुत पुरानी और सरल चिकित्सा पद्धति है।
  • आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग करने से कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है।
  • इस पद्धति के द्वारा ज्यादातर इलाज अपने घर में रहकर ही किया जा सकता है।
  • यह चिकित्सा पद्धति मौजूदा समय में सबसे सस्ती चिकित्सा पद्धति है।    
  • इस पद्धति के द्वारा शरीर के ज्यादातर रोगों का इलाज एक ही औषधि के द्वारा किया जा सकता है।

आयुर्वेद चिकित्सा की हानियां– Disadvantages of Ayurveda therapy

  • यह पद्धति काफी पुरानी होने के बावजूद भी आधुनिक समय में प्रमाणित नहीं है।
  • इस पद्धति से गंभीर बीमारियों का जैसे सर्जरी, हडि्डयों को जोड़ना आदि का इलाज नहीं किया जा सकता।
  • मौजूदा समय में आयुर्वेदिक अस्पताल और आयुर्वेदिक डॉक्टरों की संख्या बहुत कम है।
  • इस पद्धति में रोगी के अंदरूनी रोग का तब तक पता नहीं लगाया जा सकता, जब तक कि संपूर्ण लक्षण उभर कर सामने न आ जाए।

एलोपैथी चिकित्सा क्या है? What is allopathic therapy ?

एलोपैथी चिकित्सा को आज के समय की आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के नाम से जाना जाता है। यदि हमें कोई भी छोटी से छोटी या कोई बड़ी बीमारी होती है तो हम अस्पताल जाते हैं, जहां हमें डॉक्टर कुछ दवाईयों के नाम लिख कर देता हैं और कहता है कि ये दवाई मेडिकल स्टोर से ले लेना या हमें सर-दर्द, पेट-दर्द जैसी कोई समस्या होती है तो हम खुद मेडिकल स्टोर से दवाई लाते हैं इन्हीं दवाईयों को एलोपैथिक दवाई कहते हैं। सैमुएल हैनीमेन को इस चिकित्सा के जन्मदाता के रूप में जाना जाता हैं। एलोपैथिक दवाईयां रासायनिक पदार्थों द्वारा बनाई जाती है। आज के समय में एलोपैथी सबसे प्रचिलित चिकित्सा में से एक हैं लेकिन इसका निर्माण रसायनिक पदार्थों के द्वारा होने के कारण इसके कभी-कभी साइड इफ़ेक्ट भी पाए जाते हैं।

एलेपौथी चिकित्सा के लाभ– Benefits of allopathic therapy-

  • इस चिकित्सा में रोगी को तुरंत लाभ होता है।
  • एलोपैथिक चिकित्सा में गंभीर से गंभीर बीमारी को सर्जरी व ऑपरेशन के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
  • शरीर के अंदर पनपने वाले रोग को उसके शुरुआती समय में ही पता लगाकर उसका इलाज इस पद्धति के द्वारा किया जाता है।
  • आपातकालीन स्थिति जैसे हाई ब्लड प्रेशन, लो ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, ब्लॉकेज, वाहन दुर्घटना आदि का तुरंत इलाज एलोपैथी पद्धति में काफी हद तक संभव है।

एलेपौथी चिकित्सा से हानि– disadvantages of allopathic therapy-

  • एलोपैथिक दवा का ज्यादा सेवन करने से शरीर में विषाक्त तत्वों की मात्रा बढ जाती है, जिससे अन्य रोग भी हो सकते हैं।
  • अंग्रेजी दवा का ज्यादा यूज करने से लीवर बुरी तरह से प्रभावित होता है।
  • कभी-कभी अंग्रेजी दवा रियेक्शन कर जाती हैं, जिससे त्वचा को बहुत हानि होती है।
  • इस पद्धति से ज्यादातर इलाज मंहगे होते हैं, जिससे कम आय वाले लोगों को इलाज कराने में परेशानी होती है।
  • एलोपैथी की दवा एक बार में एक ही रोग का इलाज करती है।

आखिर क्या अंतर होता हैएलोपैथी और आयुर्वेद में? What is the difference between “Allopathy and Ayurveda”?

  • एलोपैथी आधुनिक चिकित्सा प्रणाली है, जबकि आयुर्वेद भारत की बहुत प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है।
  • एलोपैथी के जन्मदाता सैमुएल हैनीमेन थे, जबकि आयुर्वेद के जन्मदाता पुराने युगों के ऋषि-मुनि थे।
  • एलोपैथिक चिकित्सा पूर्ण रूप से रासायनिक पदार्थों पर आधारित है, जबकि आयुर्वेद पूर्ण रूप से पेड़ पौधों, जड़ी-बूटियों पर आधारित है।
  • एलोपैथी के कई साइड इफेक्ट्स होते हैं, जबकि आयुर्वेद के कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं होते हैं।
  • एलोपैथी पूरे विश्व की चिकित्सा का भाग बन चुका है जबकि, आयुर्वेद केवल भारत तक सीमित है।
  • एलोपैथी दवाइयों का मौजूदा समय में प्रमाणिक रिसर्च है, जबकि आयुर्वेद की औषधि का अभी कोई क्लीनिकल प्रमाण नहीं है।
  • एलोपैथी दवा, आयुर्वेदिक औषधि की अपेक्षा महंगी होती है, जबकि आयुर्वेदिक औषधि सस्ती होती है।
  • एलोपैथी को अंग्रेजी दवा कहा जाता है जो कि बीमारियों पर तुरंत असर दिखाती है, जबकि आयुर्वेदिक औषधि बीमारी में धीरे-धीरे असर करती है।
  • मौजूदा समय में एलोपैथी के अस्पताल और डॉक्टर ज्यादा संख्या में हैं, जबकि वही आयुर्वेदिक के अस्पतालों की संख्या ना के बराबर है।

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