कोरोना वायरस के बड़ते प्रकोप को रोकने के लिए काम आ रही प्लाज्मा थेरेपी के बारे में जानने की शायद आप सब को आवश्यकता है। इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज (ILBS) के निदेशक एस के सरीन ने गंभीर रूप से बीमार कोरोनावायरस रोगियों के इलाज के लिए दीक्षांत प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग की सिफारिश की थी।
खबरों के मुताबिक, दिल्ली सरकार को गंभीर रूप से बीमार COVID-19 मरीजों के इलाज के लिए इस थेरेपी का इस्तेमाल करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी मंजूरी मिल गई है।
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क्या है प्लाज्मा थेरेपी? और कैसे करती है प्लाज्मा थेरेपी काम?
इस थेरेपी में कोरोना से ठीक हुए लोगों के प्लाज्मा यानि रक्त का उपयोग करके दूसरे व्यक्ति जो कोरोना संक्रमित हैं उनका इलाज किया जाता है। जिन व्यक्तियों को कोरोना संकमण से रिकवर कर लिया गया है उनके शरीर में इस वायरस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बन चुकी है, जिनके प्लाज्मा का उपयोग करके वाकी संक्रमित लोगों को बचाया जा सकता है।
प्लाज्मा दूसरों के लिए उपचार के लिए प्रभावी होने के लिए, इसमें एंटीबॉडी का एक निश्चित स्तर होना चाहिए। चूंकि प्रत्येक व्यक्ति की वायरस के प्रति प्रतिक्रिया अलग-अलग होती है, इसलिए कुछ व्यक्तियों के रक्त में दूसरों की तुलना में अधिक एंटीबॉडी होते हैं और इसलिए सभी दीक्षांत प्लाज्मा को समान रूप से प्रभावी नहीं माना जा सकता है।
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प्रारंभिक रिपोर्टों ने संकेत दिया है कि इस चिकित्सा ने गंभीर बीमार COVID-19 रोगियों के उपचार में आशाजनक परिणाम दिखाए हैं और भारत सहित कई देशों में इसके लिए क्लिनिकल परीक्षण को मंजूरी दी गई है।
COVID-19 मामलों की संख्या कम होने पर ऐसे प्लाज्मा के कई दाता होने की संभावना नहीं है। एक दाता अपने प्लाज्मा को सप्ताह में दो बार 48 घंटे के न्यूनतम अंतराल के साथ और भारत में एक वर्ष में अधिकतम 24 बार दान कर सकता है।
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यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने सुझाव दिया है कि दान किए गए रक्त का उपयोग करने से पहले परीक्षण किया जाना चाहिए।
डॉक्टरर्स ने भी इस थेरेपी के कई दिशानिर्देश जारी किए हैं। हर किसी व्यक्ति पर प्लाज्मा थेरेपी काम नहीं कर रही है, जो लोग इस बीमारी से गंभीर रूप से प्रभावित है तथा जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत ही कम है उन पर यह थेरेपी की जा रही है।
प्लाज्मा थेरेपी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीमारी के इलाज के लिए तथा गंभीर रोगियों के इलाज के लिए प्लाज्मा दान करने की अपील की। केजरीवाल ने रविवार को कहा: 'आगे आओ और प्लाज्मा दान करो। हम सभी कोरोनावायरस संकट से उबरना और बचना चाहते हैं। अगर कल कोई मरीज हिंदू है और वह गंभीर है, जो जानता है कि शायद मुस्लिम व्यक्ति का प्लाज्मा उसे बचा सकता है या यदि कोई मुस्लिम मरीज गंभीर है, तो शायद हिंदू व्यक्ति का प्लाज्मा उसे बचा सकता है।'