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भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 853 रेमडिसिविर इंजेक्शन गायब, ब्लैक में इनकी कीमत लगभग सवा दो करोड़, प्रदेश में चोरी का पहला मामला

गंभीर कोरोना मरीजों को लगाए जाने वाले रेमडिसिविर इंजेक्शन की काला बाजारी की खबरें तो अक्सर सामने आती रहती हैं, लेकिन ताजा मामला रेमडिसिविर इंजेक्शन चोरी होने का है। ताजा जानकारी के अनुसार भोपाल के हमीदिया अस्पताल के स्टोर से रेमडिसिवीर इंजेक्शन चोरी हो गए हैं। वो भी 1 या 2 नहीं बल्कि प्रशासन द्वारा दिए गए सभी 853 इंजेक्शन चोरी कर लिए गए हैं। ब्लैक मार्केट में इनकी कीमत लगभग सवा दो करोड़ रुपए आंकी जा रही है।

प्रशासन द्वारा ये सभी इंजेक्शन शुक्रवार को ही अस्पताल को उपलब्ध करवाए थे और आज जब ये इंजेक्शन मरीजों को देने के लिए निकाले गए तो ये इंजेक्शन अन्य जगह से नदारद मिले। बताया जा रहा है कि सेंट्रल स्टोर की ग्रिल काटकर इन इंजेक्शन को उड़ाया गया है।

अस्पताल के अधीक्षक चौरसिया ने की मामले की पुष्टि :
अस्पताल प्रशासन ने इस मामले की जानकारी पुलिस को भी दी है। अब अस्पताल प्रशासन और पुलिस इस मामले की जांच में जुट गए हैं कि आखिर ये इंजेक्शन किसने चोरी किए हैं? मामले की पुष्टि करते हुए अस्पताल के अधीक्षक आईडी चौरसिया ने बताया कि अस्पताल से इंजेक्शन चोरी होने की जानकारी मिली है। फिलहाल किसी अन्य काम में व्यस्त हूं। अस्पताल जाकर मामले की जानकारी लेता हूं।

वहीं विभागीय सूत्रों ने हमें बताया कि शुक्रवार को प्रशासन से मिलने के बाद इन इंजेक्शनों को स्टोर में रख दिया गया था। लेकिन शनिवार को जब मरीजों को इंजेक्शन देने के लिए इन्हें स्टोर से निकला गया तो ये अपनी जगह से गायब मिले। मामले की जानकारी पुलिस को देने की भी पुष्टि हुई है।

चार से पांच गुना महंगे दाम पर बेचा जा रहा है रेमडिसिविर इंजेक्शन :
शासन द्वारा अलग अलग कंपनियों के लिए 850 से 4000 रुपए तक के दाम तय किए गए हैं। लेकिन भोपाल, इंदौर सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से इस इंजेक्शन की काला बाजारी हो रही है, जहां ये 5 गुना अधिक कीमत तक बेचा जा रहा है।

राजधानी और आसपास के कई ग्रामीण क्षेत्रों में 20 हजार से लेकर 25 हजार रुपए तक इंजेक्शन बिक रहे हैं। वहीं किसी भी गंभीर मरीज को इसके 6 डोज तक की जरूरत होती है। ऐसे में मजबूर लोग 75 हजार से लेकर 1.5 लाख रुपए तक देने को मजबूर हो गए हैं।

वहीं शक जताया जा रहा है कि अस्पताल से चोरी हुए इंजेक्शन को भी अवैध कमाई करने के उद्देश्य से चोरी किया गया है। फिलहाल इंजेक्शन चोरी होने से अस्पताल प्रशासन के होश उड़ गए हैं।

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