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गृहमंत्री डॉ. मिश्रा ने 6 पाकिस्तानी नागरिकों को सौंपे भारत की नागरिकता के प्रमाण पत्र, रंग लाई केसवानी की मेहनत 

बुधवार को मप्र के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Home Minister MP Dr. Narottam Mishra) ने पाकिस्तान में रह रहे 6 अल्पसंख्यक हिंदुओं को भारतीय नागरिकता के प्रमाण पत्र सौंपे। ये सभी पाकिस्तानी नागरिक पिछले कई सालाें से भारतीय नागरिकता लेने के लिए प्रयास कर रहे थे। जैसे ही डॉ. मिश्रा ने इन सभी को भारतीय नागरिकता के प्रमाण पत्र सौंपे तो सबकी आंखों से खुशी के आंसु छलक उठे।

डॉ. मिश्रा ने नंदलाल, अमित कुमार, जयराम दास, नारायण दास, कौशल्या बाई सहित एक अन्य को भारतीय नागरिकता के प्रमाण पत्र सौंपे। ये सभी नागरिक पाकिस्तान से आए हुए विस्थापित हैं और पाकिस्तान में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचारों के कारण भारत आकर बसना चाहते थे।

गौरतलब है कि भाजपा प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी एक दशक से भी ज्यादा समय से पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं को भारत की नागरिकता दिलवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।


मोदी सरकार में आसान हुआ भारतीय नागरिकता मिलना : 
भाजपा प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी (Durgesh Keswani) ने इस अवसर पर StackUmbrella को बताया कि पाक में हिंदुओं पर लगातार बढ़ते अत्याचार और उनका जबरन धर्म परिवर्तन करवाने की घटनाओं के बाद पाकिस्तान में रह रहे ज्यादातर हिंदू और पंजाबी अब भारत आकर बसना चाहते हैं। लेकिन कुछ वर्ष पहले तक पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं के लिए भारत की नागरिकता लेना टेढ़ी खीर था। लेकिन केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद पाकिस्तान में रह रहे सिंधियों के लिए भारत की नागरिकता लेना आसान हुआ है।

भारत में बसना चाहते हैं पाकिस्तान में रह रहे हिंदू : 
भारत की नागरिकता मिलने के बाद नंदलाल ने हमे बताया कि पाकिस्तान में कई बार कट्‌टरपंथी पंजाबी और हिंदू समाज के लोगों की हत्या तक कर देते हैं। इसलिए पाकिस्तान में रह रहे हर हिंदू में भय व्याप्त है और वह भारत आकर बसना चाहता है। लेकिन कुछ समय पहले तक पाकिस्तान से आए शरणार्थी भारत तो आ जाते थे, लेकिन उन्हें भारत की नागरिकता हासिल करने में बहुत परेशानी आती थी। कई बार तो मजबूरन उन्हें पाकिस्तान तक लौटना पड़ता था।

सुष्मा स्वराज ने सरल किए थे नियम : 
गौरतलब है कि पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की दिवंगत नेता सुषमा स्वराज 
पहली ऐसी विदेश मंत्री थीं, जिन्होंने पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता देने का पावर सीधे कलेक्टर के हाथ में दे दिया था। इसके बाद शरणार्थियों को तेजी से नागरिकता मिलने लगी और दो वर्ष पूर्व अस्तित्व में आए सीएए कानून के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान या कहीं भी बसे हिंदू, पंजाबी लोगों को भारत की नागरिकता मिलना सुलभ हुआ है।

वहीं भाजपा प्रवक्ता केसवानी भी लोगों को जरूरी कागज इकट्‌ठा करने और प्रशासन से आने वाली जानकारी लोगों तक पहुंचाने का काम भी लंबे समय से कर रहे हैं।

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