भारत में क्रिकेट का क्रेज कितना है इस बात से हम सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं और इसी क्रिकेट क्रेज के चलते हर कोई क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहता है। हर क्रिकेटर अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव का सामना करता है, पर केवल कुछ मजबूत लोग ही इस स्थिति में बच पाते हैं। जबकि कुछ खिलाड़ी जरूरत से ज्यादा शौहरत पाने के लिए भ्रष्टाचार या मैच फिक्सिंग जैसे तरीकों आजमातें नजर आते हैं।
क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्होनें मैज फिक्सिंग के चलते अपने क्रिकेट करियर को हमेशा के लिए बर्बाद कर लिया। यहां हम उन 5 भारतीय क्रिकेटरों के बारे में बता रहे हैं, जो मैच फिक्सिंग के आरोप के चलते इंटरनेशलन क्रिकेट से हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिए गए।
- श्रीसंत
शांताकुमारन श्रीसंत एक बहुत ही प्रसिद्ध भारतीय तेज गेंदबाज हैं और टी 20 वर्ल्डकप 2007 में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चके हैं। उन्हें सितंबर 2013 में BCCI ने जीवन भर के लिए प्रतिबंधित कर दिया।
श्रीसंत को 2013 के आईपीएल सीजन में स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने के कारण इंटरनेशलन क्रिकेट से हमेशा के लिए बैन कर दिया गया है। राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेटर श्रीसंत को उस टूर्नामेंट में स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों में दो अन्य साथियों अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा कुछ समय पहले बिग बॉस शो में नजर आ चुके हैं।
- भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन
पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन महान भारतीय बल्लेबाजों और सफल भारतीय कप्तानों में से एक थे। 1985 से 2000 तक, अजहरुद्दीन ने 99 टेस्ट और 334 वनडे खेले, जिसमें उन्होनें 6215 रन (औसत 45.03) और 9378 रन (औसत 36.92) बनाए। उन्होंने आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 1992, 1996 और 1999 संस्करणों में भारतीय टीम का नेतृत्व भी किया।
2000 में, स्टार भारतीय क्रिकेटर अजहरुद्दीन को मैच फिक्सिंग के मामले में आरोपी पाया गया था। उन पर सट्टेबाजों के साथ संबंध बनाने और सटोरियों को मैज की जानकारी देने का आरोप लगा था। जिसके बाद अजहरुद्दीन को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने जीवन भर के लिए प्रतिबंधित कर दिया हालांकि, 2012 में, उन पर इस प्रतिबंध को हटा दिया गया था।
- अजय जडेजा
पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय वनडे मैच के मध्यक्रम अच्छे बल्लेबाज माने जाते थे। उन्होनें अपने क्रिकेट करियर (1992 से 2000) में 15 टेस्ट और 196 एकदिवसीय मैच खेले हैं जिसमें उन्होनें 576 टेस्ट रन (औसत 26.18) और 5359 एकदिवसीय रन (औसत 37.47) से बनाए।
2000 में, अजय जडेजा को सट्टेबाजों के साथ संबंध बनाने का दोषी पाया गया था। उन्हें पांच साल के लिए इंटरनेशल किक्रेट से बैन कर दिया गया था।
हालांकि, 2003 में, उन पर लगाए गए इस बैन को हटा दिया गया था। इसके बाद उन्होनें घरेलू क्रिकेट में वापसी की, और उन्होंने 2013 तक घरेलू क्रिकेट जारी रखा। लेकिन इंटरनेशलन क्रिकेट में अजय की वापसी कभी नहीं हुई।
- अजय शर्मा
पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय शर्मा टीम इंडिया के ज्यादा सफल क्रिकेटरों ने से नहीं थे क्योंकि उन्होंने केवल 1 टेस्ट और 31 एकदिवसीय मैच खेले थे, जहां उन्होंने 53 और 424 रन बनाए थे और 1988 से 1993 के बीच 15 एकदिवसीय विकेट लेने में भी कामयाब रहे थे।
2000 में, शर्मा को मैच फिक्सिंग में शामिल होने पर खेल से आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था। उन्हें सट्टेबाजों के साथ संबंध रखने का दोषी पाया गया था। 2014 में, शर्मा को मैच फिक्सिंग के सभी आरोपों से हटा दिया गया था।
- मनोज प्रभाकर
पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज प्रभाकर एक ऑलराउंडर थे। वह एक अच्छे दाएं हाथ के बल्लेबाज और एक प्रभावी दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज थे।
प्रभाकर ने 1984 से 1996 तक 39 टेस्ट और 130 वनडे खेले हैं। अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में, प्रभाकर ने 1600 टेस्ट रन और 1858 एकदिवसीय रन बनाए और 96 टेस्ट और 157 वनडे विकेट भी लिए।
2000 में, प्रभाकर ने पूर्व भारतीय कप्तान और महान ऑल-राउंडर कपिल देव पर आरोप लगाया कि जब वे श्रीलंका में एकदिवसीय टूर्नामेंट के लिए दौरा कर रहे थे, तब उन्हें अंडरपरफॉर्म के लिए पैसे मिले थे हालांकि, बाद में, प्रभाकर पर फिक्सिंग में शामिल होने का आरोप लगा, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें खेल से पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया।