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Happy Birthday Zakir Hussain:लोकल ट्रेन से पद्म विभूषण जीतने तक संघर्षो भरा रहा उस्ताद का सफर

Zakir Hussain

Zakir Hussain:जिनकी ऊंगलियों  की थिरकने से गगन भी झूमने लगता था,जिनके हाथ लगते ही लोग एक स्वर में कहते थे “ वाह उस्ताद ।

आज उसी महान तबला वादक का जन्मदिन है।उस्ताद Zakir Hussain का 72 वॉ जन्मदिन है।उस्ताद Zakir ने मात्र 3 साल की उम्र में ही पुखराज बजाना सीख लिया था।

उस्ताद Zakir Hussain के पिताजी अल्लाह राखा भी एक मशहूर तबला वादक थे।उन्हें यह कला उनके पिताजी से विरासत में मिली थी।उन्होने संगीत की प्रारंभिक कक्षा अपने पिता से ही ली थी।

Zakir Hussain:मात्र 11 साल की उम्र में किया पहला स्टेज शो

उस्ताद Zakir Hussain ने मात्र 11 साल की उम्र में ही अपना पहला स्टेज शो पूरा किया था।उस दिन Zakir की प्रस्तुति के बाद केवल तालियों की गूंज सुनाई दे रही थी।

Zakir Hussain

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Zakir  ने 11 साल की उम्र में अमेरिका में अपना पहला शो किया था।आज उन्हे समूचा विश्व जानता है।उस्ताद Zakir Hussain ने आज पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त कर ली है। Zakir अपने संगीत से मुरझाए चेहरो में रौनक ला देते है।

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जाक़िर की उम्र आज 72 साल का हो चुकी है।पर आज भी कोई नया तबला वादक उन्हे मात नही दे सकता है। Zakir को कला के क्षेत्र में कई अवार्डस् से नवाजा गया है।

पद्म विभूषण से सुशोभित है उस्ताद ज़ाकिर हुसैन

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उस्ताद Zakir Hussain को कई पुरुष्कारों से सम्मानित किया गया है।उन्हे कला के क्षेत्र में 2002 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

उन्हे हाल ही में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है।इन्हे वर्ष 1998 में पद्म श्री से भी नवाजा गया है।इन्हे कालिदास अवार्ड फॉर क्लासिकल म्यूजिक भी मिला है।

एवं इन्हे वर्ष 2014 में {GIMA} गीमा अवार्ड फॉर क्लासिकल म्यूजिक से भी पुरुष्कृत किया गया है।

तबले को पैर न लगे इसीलिए गोद मे तबला रखकर किया सफर

उस्ताद Zakir Hussain बताते है कि संघर्ष के दिनो मे उनके पास ट्रेन में सफर करने तक के पैसे नही थे।उस्ताद अपने प्रारंभिक समय में ट्रेन के लोकल डिब्बे में सफर करते थे।

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भीड़ से भरी उस ट्रेन में उस्ताद Zakir ज़मीन पर कागज विछा कर बैठ जाते थे।किसी का पैर तबले को न लग जाए इसीलिए वह उसे अपनी गोद में रखकर सफर करते थे।

उस्ताद ने कहते है कि मैने कभी माँ सरस्वती का अपमान नही किया,शायद यही कारण है कि उनकी कृपा मुझ पर बनी रहती है।मैने तबला को हमेशा हिफ़ाजत और सम्मान से रखा है।

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