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Vishwakarma Jayanti: जानिए क्या है विश्वकर्मा पूजा का महत्व? क्यों इनकी पूजा मानी गई है जरूरी

Vishwakarma Puja 2021: विश्वकर्मा जयंती हिंदू देवता जिन्‍हें विश्वकर्मा कहा जाता है उनके जन्‍मदिन के अवसर पर मनायी जाती है, इस दिन हिंदू धर्म के लोग भववान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं। हिंदू पुराणों के अनुसार भगवान विश्‍वकर्मा को प्रकृति और दुनिया का निर्माता माना जाता है।

इसके अलावा भगवान विश्‍वकर्मा ने द्वारका जैसे पवित्र शहर का निर्माण भी किया जहां कृष्ण ने शासन किया, पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ का महल, और देवताओं के लिए कई शानदार हथियारों और घरों के निर्माण का श्रेय भी भगवान विश्‍वकर्मा को जाता है।

क्‍यों की जाती है भगवान विश्वकर्मा की पूजा:

भगवान विश्वकर्मा को बढ़ई, सुनार, लोहार, राजमिस्त्री और उन सभी लोगों के देवता के रूप में वर्णित किया गया है जो शिल्प में कुशल हैं। कहा जाता है कि विश्वकर्मा ने चौथे उप-वेद का निर्माण किया उन्‍हें चौंसठ यांत्रिक कलाओं की अध्यक्षता की। पुराणों के अनुसार भगवान विश्‍वकर्मा ने सृष्ठि के निर्माण में महत्‍वूपर्ण योगदान दिया है या दूसरे शब्‍दों में कहें तो भगवान विश्‍वर्मा आदिकाल के सबसे बड़े इंजीनियर थे।   

उनके योगदान को याद रखने के लिए और किसी भी कार्य के निर्माण से पहले भगवान विश्‍वकर्मा की पूजा की जाती है ताकि वह काम शुभ हो और उसका निर्माण सफल हो।

विश्वकर्मा पूजा का महत्व:

विश्वकर्मा दिवस, जिसे विश्वकर्मा जयंती या विश्वकर्मा पूजा के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू ग्रथों के हिसाव से यह एक उत्‍सव का दिन है। हिंदू व्यापक रूप से विश्वकर्मा को वास्तुकला और इंजीनियरिंग के देवता के रूप में मानते हैं, और हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह आमतौर पर भारतीय भादो महीने के आखिरी दिन पड़ता है। इस पूजा का अनुष्ठान आमतौर पर कारखाने के परिसर या दुकानो पर होता है।

इसके अलावा कार्यकर्ता विभिन्न मशीनों के लिए भी भगवान विश्‍वकर्मा से भी प्रार्थना करते हैं ताकि मशीने बिना किसी परेशानी के काम करें। कारीगर भी भगवान विश्‍वकर्मा के नाम पर अपने औजारों की पूजा करने करते हैं।

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