Madhya Pradesh

Bageshwardham: तो ये अलौकिक सिध्दी है बागेश्वर वाले महाराज के पास, जानें कैसे मिलती है लोगों की जानकारी?

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Pandit Dhirendra Krishna Shastri: मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गड़ा में स्थित सिध्द स्थान बागेश्वर धाम (Bageshwardham) सरकार इन दिनों पूरे भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है।

बागेश्वर धाम में रोजाना लाखों की तादात में भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि बागेश्वर धाम (Bageshwardham) के मुख्य पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) भक्त को देखकर ही बता देते हैं कि उनके मन में क्या चल रहा है।

बागेश्वरधाम (Bageshwardham) सरकार में आप जैसे ही पहुंचते हैं आपके ऊपर जो भी साया होता है, वो अपने आप ही उतर जाता है। महाराज धाम पर आए हर एक शख्स के मन की बात जान लेते हैं।

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वे उनके दुखों को दूर करने के उपाय भी बता देते हैं। इतना ही नहीं पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) की कृपा से धाम में हर दिन भंडारा चालू रहता है।

बागेश्वर महाराज के पास अलौकिक शक्ति

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) जिस विद्या से लोगों की परेशानी दूर करते हैं, दरअसल उसे कर्ण पिशाचनी कहते हैं। ये सिध्दी ऐसी है कि किसी भी शख्स के बारे में बताना शुरू कर देती है।

ठीक वैसे ही जैसे बागेश्वर धाम (Bageshwardham) के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री किसी  व्यक्ति के सामने आने पर उसके बारे में बताना शुरू कर देते हैं। उसका नाम, उसके परिजनों का नाम, वो क्या करते हैं।

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यहां तक वह शख्स कैसे पहुचा, किसलिए आए हैं, बता देने पर लोग इसे चमत्कार समझने लगते हैं। कहते हैं कि जो कर्ण पिशाचनी को सिध्द कर लेता है, वह सामने वाले के अंतर्मन के अतीत को बता देते हैं।

कैसे काम करती है सिध्दी 

मान्यता के मुताबिक कर्ण पिशाचिनी सिध्दी एक ऐसी तंत्र विद्या है, जिसमें हर सवाल का जवाब एक आलौकिक ताकत कान में आकर बता देती है। ये जवाब सिर्फ उसी को सुनाई देता है, जिसके पास ये विद्या होती है।

इस विद्याको कर्ण पिशाचनी विद्या के अलावा पिशाच विद्या या अंग्रेजी में नेक्रोमेंसी भी कहते हैं। कहते हैं कि इस सिध्दी को पाने के बाद आप किसी भी तरह की आलौकिक शक्ति से संपर्क साध सकते हैं।

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ऐसा कहा जाता है कि कर्ण पिशाचिनी सिध्दी को प्राप्त करने के लिए काफी कड़ी तपस्या करनी पड़ती है। इस सिध्दी को हासिल करने के लिए काफी कठिन साधना से होकर गुजरना पड़ता है।

लेकिन अगर एक बार इस सिध्दी को प्राप्त कर लिया जाए तो आप किसी भी दिव्य शक्ति से जब चाहें बात कर सकते हैं।

कैसे मिलती है ये सिध्दी (Bageshwardham)

बताया जा रहा है कि कर्ण पिशाचिनी सिध्दी को हासिल करने के बाद वशीकरण और पाश्व मंत्र के जरिए किसी व्यक्ति की हर तरह की जानकारी पलभर में हासिल की जा सकती है।

कोई आलौकिक शक्ति इस सिध्दी को हासिल करने वाले के कान में वो सभी जानकारी बता जाती है, जो वह जानना चाहता है। इसलिए इस विद्या का नाम कर्ण पिशाचिनी पड़ा है।

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हालांकि जानकारों के अनुसान ये विद्या किसी का भविष्य नहीं बता सकती। आपके साथ जो पहले घट चुका है या फिर केवल वर्तमान में जो चल रहा है सिर्फ इसके बारेमें ही बताया जा सकता है।

इसका मतलब है कि कर्ण पिशाचिनी सिध्दी सिर्फ अतीत और वर्तमान तक ही सीमित है।

आखिर कौन हैं ये चमत्कारी महाराज

Pandit Dhirendra Krishna Shastri जी का जन्म 4 जुलाई 1996 में छतरपुर जिले के छोटे से गांव ग्राम गढ़ा में हुआ। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बचपन यही उनके गांव गढ़ा में ही बीता है। बताया जाता है कि वे बचपन से ही बहुत धीर और दयालु थे।

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उनका जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ, पिता का नाम राम करपाल गर्ग था और माता का नाम सरोज गर्ग है। उनके दादा जी का नाम भगवान दास गर्ग है, जो कि अच्छे विद्वान थे। वह निर्मोही अखाड़े से जुड़े थे।

पंडित जी अपने दादाजी को ही अपना गुरू मानते थे। उन्होंने ही शास्त्री जी को रामायण और भागवत गीता का अध्ययन करना सिखाया था।

शास्त्री की शिक्षा यहां से हुई (Bageshwardham)

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) एक गरीब परिवार से थे। इसलिए उनको उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं हो सकी थी। वह सरकारी स्कूल में ही पढ़े हैं। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 8 तक ही अपने गांव में पढ़ाई की थी।

इसके बाद की पढ़ाई के लिए वो पांच किलोमीटर पैदल चल कर गंज में आते थे। उन्होंने 12 तक की पढ़ाई गंज से की थी और प्राइवेट बीए किया। इसके बाद उनको समाज सेवा और मानव सेवा में लग गए और पढ़ाई छोड़दी। बताया जाता है कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का परिवार बहुत गरीब था।

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उनके भाई और बहन भी साथ-साथ रहते थे। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 9 साल की उम्र से ही बालाजी सरकार की सेवा करना शुरू कर दी थी। उनसे पहले उनके दादाजी बालाजी सरकार का दरबार चलाया करते थे।

धीरे-धीरे वह 12 साल की उम्र से ही हनुमान जी की कृपा से भागवत महापुराण का प्रवचन करने लगे। इसके अलावा वे बालाजी के दरबार में साधना किया करते थे। इसी साधना का उन पर ऐसा प्रभाव हुआ कि बालाजी की कृपा से उन्हें अनेक सिध्दियां प्राप्त हो गईं।

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ऐसी लगाएं अपनी अर्जी

बागेश्वर धाम (Bageshwardham) पर आने वाले लोग पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चमत्कार देखकर दंग रह जाते हैं। महाराज से मिलने के लिए आपको अर्जी देना पढ़ती है।

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आप बागेश्वर धाम (Bageshwardham) पर जाकर टोकन ले सकते हैं। लेकिन यदि आप वहां नहीं जा सकते और जानना चाहते हैं शास्त्री जी धाम में हैं या नहीं तो इसके लिए बागेश्वर धाम हेल्पलाइन नंबर भी है।

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