डॉक्टर्स को भी ऐसे पेशेंट्स की अन्य जांचें करवाकर कोरोना की पुष्टि करनी चाहिए। और यदि मरीज को तकलीफ हो तो उन्हें अस्पताल में एडमिट कर मेडिकल सहायता देनी चाहिए।
आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव होने पर अस्पताल नहीं करते मरीज को भर्ती :
ऐसे में मरीजों को एडमिट होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे मरीजों के परिजनों को पेशेंट को कोविड पीड़ित मान अस्पताल में एडमिट करवा देना चाहिए। वहीं अस्पतालों को भी ऐसे पेशेंट्स को एडमिट करने से मना नहीं करना चाहिए।
म्यूटेशन, सैंपल लेना, कलेक्शन इसकी बड़ी वजह :
नेगेटिव रिपोर्ट वाले मरीज बड़ी संख्या में अस्पतालों में भर्ती हैं और वायरस म्यूटेशन इसकी बड़ी वजह है। वहीं जांच रिपोर्ट यदि नेगेटिव है तो इसमें सैंपल लेना, कलेक्शन और इसे सही तरह से लैब में पहुंचाने का भी बड़ा महत्व है। कई बार इन कारणों से भी रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है।
जीन एक्सपर्ट में सामने आती है सही जानकारी :एम्स में कई ऐसे पेशेंट्स भर्ती हैं, जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव थी। लेकिन सीटी स्कैन और अन्य जांचें करने पर उनके संक्रमित होने की जानकारी मिली। अब अस्पताल में उन सबका इलाज चल रहा है।