डॉक्टर्स की मानें तो स्टेयरॉइड और एंटीबायोटिक दवाओं के ओवरडोज के कारण इस बीमारी से लोग बीमार हो रहे हैं। दवाओं के हाईडोज से कम हुई इम्युनिटी के कारण राइजोफस और म्यूकर नामक फंगस के शरीर में पहुंचने के कारण यह इंफेक्शन हो रहा है।
इसके कारण आंखें, जबड़े, नाम और मुंह संक्रमित हो रहे हैं। संक्रमित अंगों को निकालना ही इससे बचने का एकमात्र उपाय है, समय पर सही इलाज न मिलने से संक्रमित की जान भी जा सकती है।
प्रदेश सरकार कैसे निपटेगी इस इंफेक्शन से :
मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण लोगों में वैसे ही दहशत है। उसी बीच ब्लैक फंगल इंफेक्शन ने सरकार और लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। हालांकि सरकार ने इससे निपटने के लिए अपनी तैयारी करना शुरू कर दी है। शिवराज सरकार इस संक्रमण से निपटने के लिए अमेरिका के डॉक्टर्स की मदद ले रही है।
साथ ही इससे बचाव हेतु सरकार देश का पहला म्यूकोरमाइक्रोसिस यूनिट प्रदेश के दो जिलों में तैयार कर रही है। भोपाल के हमीदिया अस्पताल और जबलपुर मेडिकल कॉलेज में 10 बिस्तरों का म्यूकोरमाइक्रोसिस यूनिट और ऑपरेशन थिएटर तैयार किया जाएगा।
इस दौरान उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक प्रेजेंटेशन देते हुए म्यूकोर बीमारी के कारण, फैलाव, प्राथमिक लक्षण और प्रारंभिक अवस्था में इसकी पहचान और इसके प्रभावी इलाज पर अपनी जानकारियां साझा कीं।
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इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बीमारी में मुख्य रूप से चार विंग ENT, नेत्रों रोग विभाग, न्यूरोलॉजी और मेडिसिन इन्वॉल्व होती हैं। इन चारों विभाग को मिला कर भोपाल और जबलपुर में यूनिट शुरू की जाएगी। बीमारी से बचाव के लिए ऑपरेशन थिएटर की भी व्यवस्था की जाएगी। जिसमें कोरोना से उभर चुके लोगों के लिए और कोरोना संक्रमित लोगों के लिए अलग अलग ऑपरेशन थिएटर होगा।