इस मामले में राशिद नूर खान ने आरोप लगाया है कि यहां स्थित फार्म हाउस और अन्य प्रतिष्ठानों से यह कचरा राेजाना तालाब में फेंका जाता है। जिससे यहां की बायोडायवर्सिटी प्रभावित होने का खतरा है।
प्रवासी पक्षियों पर पड़ेगा बुरा प्रभाव :
बताया जा रहा है कि पूरे क्षेत्र में प्लास्टिक के डिस्पोजल गिलास, शराब की खाली बोतलें सहित ही प्लास्टिक का अन्य कचरा भी फेंका गया है। तालाब में फेंके गए कचरे की मात्रा बहुत अधिक है, जिसके कारण यहां रहने वाले जीव जंतुओं, पक्षियों पर इसका विपरीत असर पड़ सकता है। वहीं तालाब में गंदगी इकट्ठा होने से लोगों को भी प्रदूषित जल की ही सप्लाई होगी।
ठंड के दिनों में इस पूरे क्षेत्र में प्रवासीय पक्षियों का भी जमावड़ा रहता है, जिसके कारण उन पर इस कचरे का खतरनाक असर होने की पूरी पूरी संभावना है। आस-पास स्थित फाॅर्म हाउस और यहां रात को इकट्ठा होने वाले लोगों द्वारा यह कचरा तालाब के एफटीएल लेवल में फेंका जा रहा है।
क्षेत्र में सख्ती करने की जरूरत :
इस तरह की लापरवाही देखने के बाद इस क्षेत्र में सख्ती बढ़ाए जाने की जरूरत है। इस संबंध में राशिद ने संभाग आयुक्त और स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी को ई मेल के माध्यम से शिकायत कर मामले की पूरी जानकारी दी है। साथ ही निगम को इस मामले में सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
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