भारत सरकार ने बुधवार को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई शिक्षा नीति लागू करने की घोषण की, 34 साल बाद आई इस शिक्षा नीति में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस नई नीति पर मोहर लगाई गई है।
बुधवार को हुई इस बैठक में आने वाले 10 सालों में प्री-प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंड्री शिक्षा तक कई बदलाव पर बाद हुई साथ ही कहा गया कि शिक्षा का खर्च बढ़ाकर अब जीडीपी का 4.53 फीसदी से बढ़ाकर जीडीपी का छह फीसदी खर्च किया जाएगा।
नई नीति के अनुसार, दसवीं-बारहवीं की परीक्षाएं अब समाप्त हो गई हैं। उनके बोर्डों को रद्द करके, केंद्र सरकार ने 5 + 3 + 3 + 4 का एक नया ढांचा तैयार किया है। भविष्य की शिक्षा न केवल एक पुस्तक-निर्माण या स्नातक-उत्पादक के आधार पर होगी, बल्कि व्यावहारिक और पेशेवर भी होगी। रिजल्ट सिस्टम में भी सुधार आएगा।
नई शिक्षा नीति 2020: महत्वपूर्ण हाइलाइट्स
- स्कूली शिक्षा फार्मेट 10+2 खत्म जोगा, और उसकी जगह 5+3+3+4 फॉर्मेंट जगह लेगा।
- छठी कक्षा से रोजगार के अवसर पर काम किया जाएगा।
- 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा आसान होगी।
- 5वीं कक्षा तक मातृभाषा में पढ़ाई जाएगी।
- स्कूली शिक्षा अब 3 साल की उम्र से शुरू होगी है।
- स्कूल में प्री-प्राइमरी लेवल पर स्पेशल सिलेबस तैयार होगा।
- ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया जाएगा।
- विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति और स्कॉलरशिप पोर्टल का विस्तार किया जाएगा।
- उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, स्कूली शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, कानूनी शिक्षा, और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षा भी नई शिक्षा नीति के दायरे में होगा।
- कला, संगीत, शिल्प, खेल, योग, सामुदायिक सेवा जैसे सभी विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।