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सावधान: लगातार फोन पर घंटो बात करना बन सकता है इन गंभीर बीमारियों का वजह

बच्‍चे हों, या युवा या फिर बुजुर्ग, फोन पर घंटो समय बिताना आज कल आम माना जाता है, हमारे आस पास कई ऐसे लोग हैं जो दिन भर स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। स्मार्टफोन आज हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस फोन के साथ हम लगातार कई घंटे बिताते हैं वह हमारी सेहत के लिए घातक हो सकता है।

हम से ऐसे कई लोग हैं जो घंटों तक दोस्तों और रिश्‍तेदारों से बात करते हैं, लेकिन हम सभी इस बात से अंजान है कि यह फोन हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। यदि आप कई घंटों तक फोन का उपयोग करते हैं, तो यह न केवल आपकी आंखों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि आपकी रातों की नींद भी खराब कर रहा है।

आइए बात करते हैं उन दुष्‍प्रभावों की जो आपको घंटों तक फोन पर बात करने या इसका उपयोग करने से हो सकती हैं।

ब्रेन ट्यूमर संभावना में वृध्दि

विशेषज्ञों का कहना है कि स्मार्टफोन को कान से लगाकर घंटो तक बात करना ब्रेन ट्यूमर की संभावना को बढ़ा रहा है। आधुनिक शोधों के अनुसार, सबसे समय तक सेल फोन उपयोग करने और कैंसर के बीच संबंध है। हालांकि यह विषय विवादास्पद बना हुआ है, ज्यादातर वैज्ञानिक इस बात से सहमत हैं कि सेल फोन का उपयोग करने से एक ब्रेन ट्यूमर का निश्चित खतरा है।

यह बताया गया है, कि जो लोग दिन में कई घंटे फोन पर बात करते हैं उनमें ब्रेन कैंसर होने की संभावना 50% अधिक होती है। इसका कारण मोबाइल फोन द्वारा उत्पादित रेडियो तरंगें हैं। यह गणना की जाती है, कि प्रत्येक मिनट में मानव मस्तिष्क लगभग 220 विद्युत चुम्बकीय आवेगों को प्राप्त करता है, जो ज्‍यादा हानिकारक तो नहीं हैं, लेकिन लंबे समय तक प्रभाव के मामले में मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं।

हाल के अध्ययनों से मस्तिष्क कैंसर के दो प्रकार हो सकते हैं – ग्लियोमा और ध्वनिक न्यूरोमा। कैंसर के खतरे के अलावा, मोबाइल फोन हमारे तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा चिडचिड़ापन और नींद की समस्‍यायों के साथ मोबाइन का अधिक उपयोग दिमाग को कमजोर भी बना सकता है।

अन्‍य समस्‍याएं जिनका है अधिक खतरा

  • आजकल के ज्यादातर युवा लोग मोबाइन फोन को ही अपना सबकुछ बना बैठे हैं, जिसके कारण वे अपनी आंखो की उम्र को बहुत कम कर रहे हैं। मोबाइल पर घंटो गेम खेलने के कारण आंखो से जुड़े स्‍वास्‍थ्‍य मुद्दो में बढोतरी देखी गई है।
  • इसके अलावा मोबाइल फोन का ज्‍यादा उपयोग सिरदर्द, कम ध्यान, स्वभाव में कमी, चिडचिड़ा पन नींद की बीमारी और डिप्रेशन का का कारण भी बनता जा रहा है।
  • अन्य प्रभाव भी हैं जिनका उल्लेख किया जाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों के लिए भी मोबाइल फोन से कुछ जोखिम है, इसलिए उन्हें सेल फोन के उपयोग को कम करने सिफारिश की जाती है।

यह दुखद वास्तविकता है, कि आजकल बहुत से लोग, विशेष रूप से युवा, मानव संपर्क की कमी का अनुभव करते हैं, और वे मोबाइल-फोन संचार द्वारा इसकी भरपाई करने की कोशिश करते हैं, जो व्यक्तिगत रूप से उन्‍हे इस मोबाइल फोन का आदि बना देता है। इस बात का ध्‍यान रखें कि किसी भी चीज का हद से ज्‍यादा उपयोग आपके लिए खतरनाक हो सकता है।

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