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Krishna Janmashtami 2023: एक ऐसा अनोखा मंदिर जहां भगवान होते जा रहे हैं दुबले, बड़ी ही रहस्यमयी है यहां की मूर्ती

Krishna Janmashtami 2023

Krishna Janmashtami 2023: हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है और यह प्रमुख पर्वों में से एक है। प्राचीन काल से भगवान श्री कृष्ण के जन्म को समर्पित ये त्योहार भव्य रूप से आयोजित होता आया है। इस साल 6 और 7 सितंबर 2 दिनों तक देश भर में कृष्ण जन्मोत्सव का उल्लास रहने वाला है। त्योहार के मौके पर अक्सर ही भक्तों की भीड़ मंदिर में दर्शन करने के लिए उमड़ती हैं। मथुरा-वृंदावन समेत देश में कुछ ऐसी जगह है, जहां पर विशेष तौर पर भक्तों की भीड़ देखी जाती है।

Krishna Janmashtami 2023: हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का त्यौहार

आज हम आपको एक अनोखे कृष्ण मंदिर के बारे में बताते हैं जो दक्षिण भारत में मौजूद है। इस मंदिर की रहस्यमय कहानी किसी को भी हैरान कर सकती है। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन यह कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति धीरे-धीरे दुबली हो रही है। चलिए आज हम आपको इस मंदिर के बारे में सारी जानकारी देते हैं।

केरल में है ये रहस्यमयी कृष्ण मंदिर

Krishna Janmashtami 2023 बेहद रहस्यमयी है यह मंदिर, भूख से दुबली हो जाती है भगवान कृष्ण की मूर्ति

केरल में मौजूद जिस रहस्यमयी कृष्ण मंदिर के बारे में हम बात कर रहे हैं, उसका नाम ‘तिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मंदिर है। ये कोट्टायम जिले के तिरुवेरपु में मौजूद है। भगवान श्री कृष्ण को समर्पित तिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मंदिर करोड़ों भक्तों के लिए बहुत ही खास माना जाता है। यहां ना केवल स्थानीय लोग बल्कि देश के अलग-अलग राजाओं से भक्त दर्शन करने के लिए यहां आते हैं।

दुबली हो रही मूर्ति

इस मंदिर से जुड़ी एक हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि यहां मौजूद भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति दुबली हो रही है। मान्यताओं के मुताबिक भगवान को भूख लगती रहती है और समय पर अगर उन्हें भोग नहीं लग पाता तो उनकी भूख अधिक बढ़ जाती है और मूर्ति दुबली होने लगती है। मंदिर(Krishna Janmashtami 2023) में सुबह शाम दो समय भगवान की आरती की जाती है और दिन में लगभग 10 बार भोग लगाया जाता है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि बार-बार भोग लगाए जाने की वजह से श्री कृष्ण की भूख बढ़ती जा रही है।

सिर्फ 2 मिनट बंद होता है मंदिर

इस मंदिर से एक और विचित्र मान्यता जुड़ी हुई है। 24 घंटे में इसे केवल 2 मिनट के लिए बंद किया जाता है। जानकारी के मुताबिक अगर यहां ताला खोलने में 2 मिनट से ज्यादा का समय लगता है तो उसे तोड़ दिया जाता है ताकि श्री कृष्ण(Krishna Janmashtami 2023) को भोग लगाने में देरी न हो पाए। भक्तों के बीच ये मंदिर काफी प्रसिद्ध है और वो अपनी मनोकामनाएं लेकर यहां पहुंचते हैं।

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मंदिर की पौराणिक कथा के बारे में

मंदिर की पौराणिक कथा बड़ी ही दिलचस्प है। माना जाता है कि वनवास के दौरान पांडव यहां भगवान कृष्ण की मूर्ती की पूजा-पाठ किया करते थे। पांडव सुबह और शाम दीप जलाते थे और भगवान को भोग लगाया करते थे। जानकारों के अनुसार, अब पांडव वनवास से वापस जाने लगे तो मूर्ती को तिरुवरप्पु(भगवान कृष्ण Krishna Janmashtami 2023) में छोड़कर चले गए थे। पांडवों के जाने के बाद स्थानीय मछुआरों ने मूर्ती की पूजा-अर्चना की और धीरे-धीरे मंदिर की लोकप्रियता बढ़ने लगी।

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