MP Budget 2022-23: हाल ही में सरकार के बयान अनुसार, जल जीवन मिशन के तहत अब देश में 90 मिलियन से अधिक ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ नल का पानी मिलता है। 2001 की पिछली जनगणना के अनुसार भारत में 138 मिलियन से अधिक ग्रामीण परिवार थे। साथ ही जल शक्ति मंत्रालय ने अपने एक बयान में बताया कि 2019 में जल जीवन मिशन की घोषणा के बाद से, 98 जिलों, 1,129 ब्लॉक, 66,067 ग्राम पंचायतों और 1,36,135 गांवों के घरों में स्वच्छ नल का पानी मिल रहा है। पांच वर्षों में देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल का पानी उपलब्ध कराने के विशाल कार्य को प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा 3.6 ट्रिलियन रुपये की राशि आवंटित की गई है।
क्या है Jal Jeevan Mission-
जल जीवन मिशन को इसलिए बनाया गया था ताकि ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2024 तक व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के द्वारा साफ और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो सके। इस मिशन के तहत अनिवार्य तत्वों के रूप में स्रोत स्थिरता उपायों को भी लागू करेगा, जैसे कि भूजल प्रबंधन, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण और पुन: उपयोग। जल जीवन मिशन पानी के लिए एक सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित होगा और इसमें मिशन के प्रमुख घटक के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल होगा। जल जीवन मिशन, पानी के लिए एक सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित होगा और इसमें मिशन के प्रमुख अंग के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल होगा। जल जीन मिशन पानी के लिए एक जन आंदोलन बनाना चाहता है, जिससे यह सबकी प्राथमिकता बन जाए।
केंद्रीय बजट 2022-23 (Budget)
इस बजट में 38 मिलियन घरों को नल का पानी उपलब्ध कराने के लिए “हर घर जल” के लिए 60,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी। 2021-22 में राज्यों के लिए 26,940 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि अलग रखी गई थी क्योंकि 15 वें वित्त आयोग ने ग्रामीण स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थानों को पानी और स्वच्छता के लिए अनुदान दिया था।
जल शक्ति मंत्रालय के बयान में कहा गया है, “अगले पांच वर्षों के लिए 2025-26 तक 1,42,084 करोड़ रुपये का सुनिश्चित वित्त पोषण है।”
मंत्रालय ने कहा है कि गोवा, हरियाणा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पुडुचेरी, दादरा और नगर हवेली के हर ग्रामीण घर में अब नल से पानी की आपूर्ति है। बयान में कहा गया है कि पंजाब (99 फीसदी), हिमाचल प्रदेश (92.4 फीसदी), गुजरात (92 फीसदी) और बिहार (90 फीसदी) इस साल ‘हर घर जल’ लक्ष्य हासिल करने की राह पर हैं।
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