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Gender transitioning: मध्‍यप्रदेश में पहली बार अपना जेंडर चेंज करवाएगीं महिला कांस्‍टेबल, सरकार ने दी इजाजत, जानिए क्‍या है मामला

भोपाल: मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने एक महिला कांस्टेबल को Gender transitioning सर्जरी कराने की अनुमति दे दी है ताकि वह अपना जेंडर चेंज करा सके, खबरों की माने तों ऐसा राज्‍य में पहली बार होने जा रहा है जब कोई पुलिस अधिकारी अपना जेंडर चेंज कराएगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, वह जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर से पीड़ित थीं।

महिला पुलिस कांस्टेबल ने 2019 में लिंग परिवर्तन से संबंधित एक लिखित आवेदन में सरकार को अपना जेंडर बदलने का आवेदन दिया था।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि महिला कांस्टेबल अपने शुरुआती दिनों से ही ‘जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर’ से पीड़ित थी। उसने आवेदन के साथ वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा प्रमाणित दस्तावेज संलग्न किए थे।

आइए विसतार से जानते हैं क्‍या होता है आइडेंटिटी डिसऑर्डर और Gender transitioning:

आइडेंटिटी डिसऑर्डर (identity disorder)

जब किसी को आइडेंटिटी डिसऑर्डर होता है जो एक लड़का एक लड़की की तरह, एक लड़की एक लड़के की तरह व्यवहार करती है। दोनों विपरीत लिंग के अनुसार अपना जीवन जीना चाहते हैं। दोनों खुद के विपरीत व्यवहार करने में अधिक सहज महसूस करते हैं। इसलिए जिन लोगों में यह डिसऑर्डर होता है डॉक्‍टर उन्‍हें Gender transitioning कराने की सलाह देते हैं ताकि वह अपना जीवन अपने तरीके से जी पाएं।

आइडेंटिटी डिसऑर्डर (identity disorder) के लक्षण

आइडेंटिटी डिसऑर्डर लक्षणों पर बात की जाए तो डॉक्‍टर्स बताते हैं कि जिन लोगों में आइडेंटिटी डिसऑर्डर होता है उनमें इसके  लक्षण 10-12 साल की उम्र में दिखने लगते हैं। ऐसे में कोई मेल इससे पीडित होता है तो वह फीमेल की तरह व्‍यवहार करता है वहीं दूसरी तरफ अगर कोई फीमेल इससे पीडि़त होता है तो वह मेल की तरह व्‍यहार करती है। ऐसा अपोजिट जेंडर के कपडे पहनना उनकी तरह बोलना चलना आदि।

Gender transitioning

Gender transitioning सर्जरी, आइडेंटिटी डिसऑर्डर वाले व्यक्तियों को उनके इच्‍छा के अनुसार जेंडर बदलने के लिए की जाती है। कुछ लोग इस सर्जरी के बाद अपनी सेक्स लाइफ को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन डॉक्‍टरर्स बताते है कि यह सर्जरी बल्किुल सुरक्षित रहती है, सर्जरी के बाद लोगों की सेक्स लाइफ भी पहले की तरह सामान्य हो जाती है।

सर्जरी से शरीर में कुछ बदलाव आते हैं जैसे जो पुरुष से महिला बनते हैं वे मां नहीं बन सकते, लेकिन सरोगेसी या बच्चा गोद ले सकते हैं। सर्जरी के कुछ दिनों या सालों तक हार्मोलन थेरेपी लेनी पड़ती है। इस ऑपरेशन में लगभग 5-6 घंटे लगते हैं। इस दौरान ब्रेस्ट, जेनिटल और फेस की सर्जरी की जाती है।

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