पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्य में 1.25 करोड़ से अधिक प्रवासी कामगारों और मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 125 दिनों के आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान की शुरुआत की है, यह योजना उनके लिए है जिन्होंने कोरोनोवायरस महामारी के दौरान अपनी नौकरी खो दी। यह यूपी के 31 जिलों को कवर करेगा, जहां देश में तालाबंदी के बाद 30 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर घर लौटे हैं।
पीएम मोदी गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के हिस्से के रूप में शुरू किए जाने वाले आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोज़गार अभियान का शुभारंभ किया है।
आत्मनिर्भर यूपी रोजगार अभियान से जुड़ी महत्ववूर्ण बातें
- आत्मनिर्भर यूपी रोज़गार अभियान रोजगार प्रदान करने के लिए, स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने और औद्योगिक संघों और अन्य संगठनों के साथ साझेदारी बनाने पर केंद्रित है।
- उत्तर प्रदेश के 31 जिलों को इस योजना के तहत शामिल किया गया है और राज्य सरकार इस अवसर का उपयोग श्रमिकों के कल्याण के लिए कर रही है।
- विभिन्न विभागों को 25 श्रेणियों के कार्यों पर ध्यान देने के साथ कार्य प्रदान करने का लक्ष्य दिया गया है इस अभियान का मुख्य काम 1.25 करोड़ श्रमिकों या मजदूरों को काम देना होगा।
- इसमें प्रति दिन 60 लाख श्रमिकों को दिया जाने वाला काम शामिल होगा।
- इस समारोह में 5,900 करोड़ से 2.40 लाख औद्योगिक इकाइयों और 3,226 करोड़ से 1.11 लाख औद्योगिक इकाइयों के ऋण वितरण को भी चिन्हित किया जाएगा।
- कार्यक्रम में निजी निर्माण कंपनियों द्वारा 1.25 लाख श्रमिकों को नियुक्ति पत्र भी दिए जाएंगे, जो विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और एक जिला-एक-उत्पाद योजना के तहत 5,000 श्रमिकों को टूलकिट का वितरण भी देखेंगे।
- अभियान के तहत कवर किए गए यूपी के 31 जिलों में सिद्धार्थनगर, प्रयागराज, गोंडा, महाराजगंज, बहराइच, बलरामपुर, जौनपुर, हरदोई, आजमगढ़, बस्ती, गोरखपुर, सुल्तानपुर, कुशीनगर, संतकबीर नगर, बांदा, अंबेडकरनगर, सीतापुर, वाराणसी, गाजीपुर, शामिल हैं। प्रतापगढ़, रायबरेली, अयोध्या, देवरिया, अमेठी, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, श्रावस्ती, फतेहपुर, मिर्जापुर, जालौन और कौशाम्बी। आदि जिले हैं।
यह भी जरूर पढ़े- वायरल वीडियो: लद्दाख बॉर्डर पर तैनात भारतीय सैनिक ने की देशवासियों से अपील