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कोर्ट की तल्खी और सरकार की सख्ती से जूडा नरम, मंत्री सारंग से सोमवार तड़के मुलाकात के बाद हड़ताल की खत्म 

31 मई से जारी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल सोमवार को समाप्त हो गई। दरअसल आठ दिन में ही जूडा के तेवर नरम पड़ने के कई कारण हैं। एक तो सरकार पहले से ही जूनियर डॉक्टरों पर सख्त हो गई थी। उसके बाद प्रदेश की शीर्ष कोर्ट (Madhya Pradersh High Court) ने भी जूडा की हड़ताल को अवैध करार दे दिया था। इसके बाद पूरे प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों का यह संगठन दो गुटों में बंट गया।

भोपाल में पदाधिकारियों के हड़ताल वापिस लेने से पहले ही रीवा और ग्वालियर के जूनियर डॉक्टर हड़ताल खत्म कर काम पर लौट चुके थे। जिसके बाद भोपाल में जूडा की प्रदेश कार्यकारिणी के लोगों ने सोमवार तड़के लगभग 3 बजे तक चिकित्सा शिक्षा मंत्री के साथ बैठक की और सुबह होते-होते हड़ताल वापसी की घोषणा कर दी। 

इस तरह नरम पड़े जूनियर डॉक्टरों के तेवर : 
महामारी के बीच सरकार को लगातार ब्लैक मेल कर रहे जूनियर डॉक्टर किसी भी स्तर पर झुकने को तैयार नहीं थे। इसी बीच जैसे ही हाई कोर्ट ने हड़ताल को अवैध करार दिया। जूडा के गुट में फूट दिखने लगी थी और सरकार भी इसी आदेश को सामने रखकर जूडा पदाधिकारियों से बात कर रही थी।

इसी बीच कुछ डॉक्टर सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रहे थे, लेकिन वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने जूडा को पक्ष मजबूत न होने के कारण मामला रफा दफा करने की सलाह दी थी। इसके बाद भी जूनियर डॉक्टर हार मानने को तैयार न थे। बाद में अंतिम वर्ष के छात्रों के रजिस्ट्रेशन निरस्त होने की कार्रवाई के बाद जूडा दो गुटों में बंट गया। रीवा ग्वालियर में हड़ताल खत्म हुई और भोपाल में औपचारिक रूप से खत्म करने की देरी भर रह गई।

इस तरह हुई हड़ताल खत्म : 
शनिवार से ही जूडा के तेवर नरम थे। जिसके बाद रविवार शाम 6 बजे संगठन के पदाधिकारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले पर उनसे मिलने पहुंचे थे। हालांकि इस दौरान सारंग बंगले पर नहीं थी। जूडा प्रतिनिधियों के बंगले पर आने की जानकारी मिलने के बाद वे तुरंत अपने निवास पर पहुंचे।

उसके बाद रात 2 बजे मंत्री विश्वास सारंग और जूनियर डॉक्टरों की एक गोपनीय बैठक हुई, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि आज सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के बाद जूडा हड़ताल वापसी की घोषणा कर सकते हैं। 

यह थीं मांगें : 
1. मानदेय 24 प्रतिशत बढ़ाया जाए।
2. कोरोना के इलाज में लगे डॉक्टरों को प्राेत्साहन राशि मिले।
3. कोविड के इलाज में लगे डॉक्टरों को 10 अंक अतिरिक्त मिलें।
4. 3 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके डाक्टर को सीनियर माना जाए।
5. गांव में सेवा देने वाले बांड को रद्द किया जाए।
6. खुद के लिए व परिवार के लिए कोविड के लिए विशेष सुविधा की मांग 
7. जूडा पर हुई कार्रवाई को वापिस लेने की मांग

इन बातों पर बनी सहमति : 
1. मानदेय 17 प्रतिशत बढ़ाया गया।
2. कोरोना ड्यूटी में लगे डॉक्टरों और परिजनों को अलग से इलाज देने की व्यवस्था होगी।
3. गांव में सेवा देने वाले बांड और अन्य मांगों पर विचार करने के लिए गठित होगी कमेटी।

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