एक और महामारी में आपदा में अवसर तलाशने वालों की कोई कमी नहीं है। वहीं दूसरी और इस दौरान अपनी जान की परवाह किए बगैर कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो केवल पीड़ितों की सेवा और सिर्फ सेवा ही करना चाहते हैं। राजधानी भोपाल के ऐसे ही एक ऑटो ड्राइवर जावेद खान भी हैं, जो अपनी पत्नी के गहने बेचकर अपने ऑटो का उपयोग एक निःशुल्क एंबुलेंस के तौर पर कर रहे हैं।
संक्रमण के हालत के बीच जब लोगों को एक एंबुलेंस तक नसीब नहीं हो पा रही। इक्का दुक्का एंबुलेंस संचालक लोगों से मनमाफिक दाम वसूल रहे हैं। ऐसे में जावेद लोगों के लिए किसी फरिश्ते से कम साबित नहीं हो रहे हैं। उनकी ये सेवा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। क्योंकि जावेद अपनी एंबुलेंस से अस्पताल तक छोड़ने के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं ले रहे हैं।
सुविधाएं देने बेच दिए बीवी के गहने :
लोग समय पर सुरक्षित तरीके से अस्पताल पहुंचे इसके लिए जावेद ने अपने ऑटो में ऑक्सीजन सिलेंडर तक लगा कर रखा है। ऑक्सीजन सिलेंडर, फ्लोमीटर और मास्क की व्यवस्था करने के लिए उन्होंने अपनी बीवी के गहने तक बेच दिए जावेद की मानें तो गहने तो वे भविष्य में भी खरीद सकते हैं, लेकिन यदि किसी की जान चली गई तो इसे फिर से नहीं खरीदा जा सकता है। जावेद ने अपने ऑटो में चारों और से प्लास्टिक शीट भी बिछाई है।
ताकि संक्रमण का फैलाव रोका जाए। इसके अलावा वे ऑटो में कुछ जरूरी दवाएं भी लेकर चलते हैं, ताकि रास्ते में किसी भी तरह की परेशानी होने पर मरीज को दवा दी जा सके, ताकि अस्पताल तक जाने में किसी तरह की परेशानी न हो। मरीज को अस्पताल छोड़ने के बाद वे पिछली सीट को और ऑटो को सेनेटाइज करना भी नहीं भूलते हैं।
लोगों और प्रशासन की मदद से मिल रही है ऑक्सीजन :
जावेद ने बताया कि मुश्किल के इस दौर में उन्हें सोशल मीडिया और अखबारों में लोगों की परेशानी देख ऑटो को एंबुलेंस बनाने का विचार आया। कुछ लोगों की सहायता से उन्होंने इसमें जरूरी दवाएं, प्लास्टिक शीट, सेनेटाइजर और दवाएं भी रखीं। वहीं समय समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने की व्यवस्था लोगों और प्रशासन की सहायता से होती है।
अस्पताल छोड़ने के बाद अक्सर मरीज के परिजन उन्हें ऑटो का किराया देता हैं, लेकिन वो इसे लेने से साफ इंकार कर देते हैं। कठिन समय में वे लोगों की दुआओं की ही कमाई करने को अपनी दौलत मानते हैं।