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कोविड संकट से बाहर आने के लिए भारत को उठाने होंगे ये सख्त कदम : डॉ. रणदीप गुलेरिया

पूरे भारत में कोविड के केस तेज गति से बढ़ रहे हैं। जिसके कारण भारत के हेल्थ केयर सिस्टम पर बहुत ज्यादा दबाव है। देश के कई बड़े शहरों में हालात ये हैं कि लोगों को ढूंढने के बाद भी आइसोलेशन बेड नहीं मिल रहे। ऑक्सीजन बेड और वेंटीलेटर के लिए पेशेंट्स को इंतजार करना पड़ रहा है।

इस दौरान कई लोगों की जान भी जा रही है। देश को इस खतरनाक स्थिति से निकालने और हेल्थ केयर सिस्टम को बचाने के लिए एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कई प्रमुख बातों पर मंगलवार को जानकारी दी।

इतने केस से बिगड़ जाएगा पूरा हेल्थ केयर सिस्टम : 
पूरे भारत में पिछले 10 दिनों की स्थिति को देखा जाए तो रोजाना 2.5 लाख से ज्यादा केस आ रहे हैं और अब देश 3 लाख केस की और बढ़ चुका है। डॉ. गुलेरिया की मानें तो इतनी बड़ी संख्या में पेशेंट्स के आने कारण पूरे देश में हेल्थ केयर सिस्टम चरमरा जाएगा। ज्यादा मरीजों के कारण देश को ज्यादा बेड्स, ऑक्सीजन प्वाइंट और वेंटीलेटर की जरूरत पड़ेगी। साथ में दवाएं भी पेशेंट्स की संख्या के अनुपात में चाहिए रहेंगी। इस स्थिति को और ज्यादा बिगड़ने से रोकने के लिए देश को 2 स्तर पर लड़ाई लड़नी होगी। 

पहला हमें हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रचर बढ़ाना होगा। जिसमें हॉस्पिटल, कोविड केयर सेंटर, आईसीयू, वेंटीलेटर और बेड्स का इंतजाम करना होगा। दूसरी तरफ हमें कोविड केसेस भी कम करना होंगे। नहीं तो इसी रफ्तार से बढ़ते हुए केस को हमारा हेल्थ केयर सिस्टम मैनेज नहीं कर पाएगा। केसेस को कम करने के लिए माइक्रो कंटेंटमेंट एरिया और माइक्रो लॉक डाउन एरिया बनाएं। टेस्टिंग, ट्रेसिंग करें। किसी अन्य तरह की सख्ती की जरूरत हो तो उसे भी करें, लेकिन केसों की रफ्तार पर भी लगाम लगाने की जरूरत होगी।

डॉ. रणदीप गुलेरिया की मानें तो इस बार ये वायरस आग की तरह फैल रहा है। इस कारण अगर अगले कुछ दिनों में पेशेंट्स बड़े तो ऑक्सीजन बेड्स की अधिक जरूरत पड़ेगी, लेकिन ये हमारे पास एक निश्चित मात्रा में है, जिसके कारण अस्पतालों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

वैक्सीन कैसे दे रही गंभीर बीमारी से सुरक्षा: 
डॉ. गुलेरिया की मानें तो वैक्सीनेशन के बाद देश में मृत्युदर में बड़ी गिरावट आएगी। दरअसल वैक्सीनेशन के बाद व्यक्ति को इन्फेक्शन तो होगा लेकिन ये सीवियर डिसिज में नहीं बदलेगा। वैक्सीनेशन के बाद कोविड वायरस नाक और गले में आ सकता है और कुछ समय रहने के बाद वहां मल्टीप्लाई भी कर सकता है। इस दौरान किसी की आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ सकती है, लेकिन शरीर में पैदा हुई एंटीबॉडी वायरस को आगे बढ़ने से रोक देंगी।

इसके कारण सीवियर डिसीज नहीं होगी। वैक्सीनेशन के बाद व्यक्ति इनफेफ्टेड तो हो सकता है, लेकिन कोविड के कारण होने वाली सीवियर डिसीज नहीं होगी। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि आप बीमार होंगे लेकिन दवा खाने के बाद आप आराम से स्वस्थ हो जायेंगे और आपको अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

वैक्सीन के बाद भी करना होगा मास्क का उपयोग : 
वैक्सीन के बाद मास्क के उपयोग को लेकर डॉ. गुलेरिया का कहना है कि मास्क का उपयोग तो करना ही होगा क्योंकि वैक्सीन के बाद भी व्यक्ति इंफेक्टेड हो सकता है और माइल्ड सिंपटम भी दिख सकते हैं। साथ ही ये व्यक्ति किसी अन्य आदमी को इंफेक्टेड भी कर सकता है। यदि उसे वैक्सीन न लगी हो तो उसे सीवियर डिसीस हो सकती है।

हमारा टीकाकरण का उद्देश्य ये है कि कोरोना के कारण होने वाली मौतों पर लगाम लगाना। इसलिए सबसे पहले बुजुर्गों और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को पहले टीका लगाया गया। उसके अलावा हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर की भी टीकाकरण में  प्राथमिकता दी गई।

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