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Sri Lanka and Pakistan Crisis: पड़ोसी देशों की बर्बादी से भारत पर होगा क्‍या असर, जानें

श्रीलंका और पाकिस्तान, भारत के दो पड़ोसी पड़ोसी देश गहरे आर्थिक और राजनीतिक संकट में फंस गए हैं। जबकि श्रीलंका के मंत्रियों के मंत्रिमंडल ने अपने सबसे खराब आर्थिक संकट के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान को देश के प्रधान मंत्री के रूप में अधिसूचित किया गया है। यानि इमरान खान सिर्फ 15 दिन के लिए पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री रहेगें इसके आगे की रणनीति क्‍या होगी यह बात अभी सामने नहीं आयी है।

श्रीलंका और पाकिस्‍तान दोनों देश भारत के पड़ोसी देश हैं इसलिए कहने की जरूरत नहीं है कि श्रीलंका और पाकिस्तान के संकटों का भारत पर अपना प्रभाव पड़ेगा।

Sri Lanka Crisis:

श्रीलंका की अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है। महगाई और बेरोजगारी श्रीलंका में एक लंबे समय से संकट बना हुआ था। खराब योजनाएं और नीतियां, 2017 के ईस्टर बम विस्फोटों और COVID-19 के प्रभाव के साथ श्रीलंका एक गहरे आर्थिक संकट में फस गया है। भारत का पड़ोसी देश होने के नाते श्रीलंका की मदद करना भारत के लिए बहुत जरूरी है क्‍योंकि श्रीलंका और भारत का आयात निर्यात व्‍यापार काफी बड़ा और पुराना है। इसलिए श्रीलंका की मंहगाई का असर सीधा भारत पर भी पड़ेगा।

श्रीलंका में वर्तमान समय में स्थिति इतनी खराब है कि नागरिकों को घरेलू सामान खरीदने के लिए लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। महगाई की बात की जाए तो यहां के लोग गेहूं और चावल 220 रुपये किलो खरीद रहे हैं, जबकि नारियल तेल 850 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। इंडिया टुडे की ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार, एक अंडे की कीमत 30 रुपये है, और दूध पाउडर के 1 किलो पैक की कीमत 1,900 रुपये है।

श्रीलंका ने $1.5 बिलियन की अतिरिक्त क्रेडिट लाइन की मांग की है, जो महत्वपूर्ण आयातों के भुगतान में सहायता के लिए भारत द्वारा दी गई $1 बिलियन की सहायता के शीर्ष पर है। नई दिल्ली ने संकेत दिया है कि वह नई क्रेडिट लाइन के अनुरोध को पूरा करेगा, जिसका उपयोग चावल, गेहूं का आटा, दाल, चीनी और दवाओं जैसी आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए किया जाएगा। क्रेडिट लाइनों के अलावा, भारत ने इस वर्ष श्रीलंका को $400 मिलियन मुद्रा स्वैप और $500 मिलियन की क्रेडिट लाइन ईंधन खरीद के लिए प्रदान की।

भारत ने श्रीलंका में बिजली कटौती में बढ़ोतरी को कम करने के लिए 40,000 मीट्रिक टन डीजल की लगभग चार खेप भी भेजी है। भारत ने श्रीलंका को शीघ्र शिपमेंट में 40,000 टन चावल भी भेजा।

भारत वैश्विक व्यापार के लिए कोलंबो बंदरगाह पर भी निर्भर है क्योंकि भारत के ट्रांस-शिपमेंट का 60 प्रतिशत बंदरगाह द्वारा नियंत्रित किया जाता है। भारत श्रीलंका के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक रहा है, और शीर्ष पर्यटन स्रोतों में से एक है। भारत का श्रीलंका को सालाना 4.8 अरब डॉलर का निर्यात है, जो उसके कुल निर्यात का 1.3 फीसदी है।

भारत ने देश में पर्यटन, रियल एस्टेट, विनिर्माण, संचार, पेट्रोलियम खुदरा आदि के क्षेत्रों में भी निवेश किया है। भारत श्रीलंका में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के सबसे बड़े स्रोतों में से एक था। देश की कुछ बड़ी कंपनियों ने श्रीलंका में निवेश किया है। ऐसे में Sri Lanka Crises भारत को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा।

Pakistan Crisis:

पाकिस्तान एक और राजनीतिक उथल-पुथल में डूब गया है। पीएम इमरान खान ने संसद भंग करने के बाद नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की। संसद के डिप्टी स्पीकर, जो खान की पार्टी के सदस्य हैं, ने विपक्ष के एक अविश्वास प्रस्ताव को रोक दिया, जिससे खान के हारने की उम्मीद थी। विपक्ष ने इस कदम को देशद्रोह बताया है। विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने संसद में धरने का वादा किया, जैसा कि रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है। दूसरी ओर, खान ने दावा किया है कि उसे हटाने का कदम अमेरिका द्वारा रचा गया है।

विपक्ष ने इमरान खान पर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने या भ्रष्टाचार पर नकेल कसने में सक्षम नहीं होने का आरोप लगाता है। पाकिस्तान की मंहगाई ऊंची है, उसका विदेशी भंडार घट रहा है

यहां यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि 1947 में ब्रिटेन से पाकिस्तान की स्वतंत्रता के बाद से किसी भी प्रधान मंत्री ने पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।

पीएम खान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं। लेकिन वास्तविक सीमा पर तनाव 2021 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर है। अभी तक तो भारत पर  Pakistan Crises का ज्‍यादा असर देखने को नहीं मिलेगा क्‍योंकि पहले से ही भारत पाकिस्‍तान के आयात निर्यात व्‍यापार ना के बराबर हैं हालांकि  Pakistan Crises ज्‍यादा बढ़ता है वर्ल्‍ड राजनीतिक तौर पर इसका असर भारत पर पड़ सकता है।

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