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Tableau Of Anant Chaturdashi: इंदौर शहर में अनंत चतुर्दशी पर निकलेगी भव्य झांकियां, कई साल पुरानी है यह परम्परा

Indore OF Anant Chaturdashi: कोरोना के कारण पिछले दो सालों से इंदौर शहर में अनंत चतुर्दशी के मौके पर झांकियां निकालने का यह कार्यक्रम रुका हुआ था पर इस साल प्रशासन ने इस कार्यक्रम को कराने की इजाजत दे दी है। झांकियां निकालने की यह परम्परा लगभग 100 साल पुरानी है जिसे चल समारोह के नाम से जाना जाता है।  

प्रशासन ने झांकियों को लेकर पूरी रुपरेखा तैयार कर ली है। इंदौर शहर के कलेक्टर मनीष सिंह के  निर्देशों का पालन करते हुए अपर कलेक्टर पवन जैन ने झाकियों के संदर्भ में आदेश जारी किया है की यह कार्यक्रम 9 सितंबर की शाम से लेकर 10 सितंबर की सुबह तक चलेगा।

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इस प्रकार है झांकियों का कार्यक्रम-

झांकियों के संदर्भ में जिला प्रशासन ने एक दिन पहले ही झांकी निर्माताओं के साथ बैठक कर ली थी इसके बाद यह निर्णय लिया गया की झांकियों के अखाड़े झांकी के साथ ही चलाएं जाएगे।

  1. सबसे पहले खजराना गणेश मंदिर की झांकी शाम 6.00 बजे ।
  2. विकास प्राधिकरण की झांकी शाम 6.20 पर।
  3. नगर निगम की झांकी 6.40 पर।
  4. ऑफ टेक्सटाइल भंड़ारी मिल शाम 7.00 बजे झांकी निकालेंगे।
  5. कल्याण मिल की झांकी 7.30 बजे निकलेगी।
  6. मालवा मिल की झांकी 7.40 पर।
  7. हुकुमचंद मिल रात 8.00 बजे झांकी निकालेगी।
  8. स्वदेशी मिल रात 8.20 पर झांकी का भव्य पर्दशन करेगी।
  9. कुमार मिल रात 8.40 पर झाकी का आयोजन करेगी।
  10. स्पूतनिक ट्यूटोरियल एकेडमी 9 बजे झांकी का प्रदर्शन करेगी।
  11. जय हरसिद्धी मां सेवा समिति की झांकी रात 9.10 पर आएगी।
  12. सबसे आखरी में श्री शास्त्री कार्नर नवयुवक मंडल की झांकी 9.20 पर आएगी।

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झांकियों के निकालने का इतिहास

इंदौर शहर में अनंत चतुर्दशी के मौके पर निकलने वाली झांकियों का इतिहास काफी पुराना है। इन झांकियों की शुरुआत शहर को आर्थिक रुप से चलाने वाली मिलों ने की थी। सबसे पहले इंदौर शहर के सबसे बड़े उद्योगपति सर सेठ हुकुमचंद की हुकुमचंद मिल से इसकी शुरआत साल 1924 में हुई थी।  समय के साथ साथ इसमें और मिलें और सामाजिक और धार्मिक संस्थाए  जुड़ती गयी और झांकियों का समूह बड़ा होता चला गया। आज के समय पर इंदौर में झांकियां निकलने वाली झांकियों का गिनती 20-25 तक पहुंच गयी है।

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अखाड़े भी हैं आकर्षण का खास केन्द्र

जैसे जैसे समय बीता वैसे वैसे इन झांकियों में अखाड़े जुड़ गए और इन अखाड़ों के जरिए झांकियों में प्रचीन समय की युद्ध कला का प्रदर्शन होने लगा, इसके साथ ही अखाड़े के हट्टे-कट्टे पहलवान अपनी भुजाओं के बल पर हैरतंगेज करतब दिखाते हैं। झांकियों में जिस अखाड़े का प्रदर्शन सबसे बेहतरीन होता है। उसे सम्मानित किया जाता है। झांकियो को भी सम्मानित और पुरस्कार दिया जाता है साथ ही इनामी राशि के साथ नवाज़ा जाता है।

यदि आप भी मध्य प्रदेश शहर रहते है तो इंदौर शहर जाकर इन सुदंर और विशालकाय झांकियों के दर्शन कर सकते है।

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