Artificial Intelligence: यूपी की राजधानी लखनऊ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस देश का पहला शहर होगा। इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने विस्तृत प्रस्तुति पेश करने से पहले आठ महीने तक विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक टीम के साथ योजना पर काम किया।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ को Artificial Intelligence के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यूपी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके नवाचार और तकनीकी उन्नति का केंद्र बनाना है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से समुदायों, व्यवसायों और सरकारी एजेंसियों को सशक्त बनाना है। ताकि शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और शासन-प्रशासन जैसे क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
यूपी सरकार ने परिवर्तन लाने के लिए जो रोडमैप तैयार किया है, उसे मोटे तौर पर पांच श्रेणियों में बांटा गया है। बुनियादी ढांचे का निर्माण, एआई स्टार्टअप का समर्थन करना, एआई उद्योग का निर्माण, डेटा का विश्लेषण करना और उद्योग के लिए आवश्यक कुशल प्रतिभा प्रदान करना पांच-आयामी दृष्टिकोण का हिस्सा है जिसका पालन किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि इसका उद्देश्य एआई अनुसंधान के प्रति उत्साही लोगों के लिए लखनऊ को देश में एक शीर्ष गंतव्य बनाना है।
Artificial Intelligence में क्या है वैज्ञानिको का कहना
वैज्ञानिक ने कहा कि प्रस्ताव लखनऊ के सभी क्षेत्रों को तकनीक से लैस करने का है क्योंकि Artificial Intelligence हमारा वर्तमान और भविष्य दोनों है। इसलिए भविष्य की तैयारी अभी से कर लेनी चाहिए। वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पुलिस, कृषि और परिवहन विभाग को सबसे अधिक आवश्यकता है। अगर सब कुछ व्यवस्थित हो जाए तो कई समस्याएं खत्म हो जाएंगी।
रेल दुर्घटनाओं को रोकने में सकेंगे सहायक
ड्रोन इंडिया ने यह भी कहा कि ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटना के बाद, Artificial Intelligence विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं जो पटरियों को सिग्नल के माध्यम से एक-दूसरे के साथ कम्युनिकेट करने में सक्षम बनाएगा ताकि लूप न बदले जिससे वह दूसरी ट्रेन न आ पाए। उन्होंने बताया कि यह जो सिग्नल होगा जो की लोको पायलट तक भी जाएगा।
Read Also: Mayawati ने मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस पर कसा शिकंजा, कह दी EVM को लेकर यह बड़ी बात
मस्क ने एआई को क्यों बताया घातक
वैज्ञानिकों ने कहा कि टेस्ला और ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने Artificial Intelligence को परमाणु इंटेलिजेंस से भी अधिक घातक बताया है। इसका कारण यह है कि हर उद्योग और स्थान में कंप्यूटर या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रवेश से नौकरियाँ ख़त्म हो जाएँगी। लोगों का क्या होगा इस बारे में बात करने के अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने Artificial Intelligence का उपयोग करके राजनीतिक भाषण को नियंत्रित करने की बात की थी, जो पूरी तरह से झूठ है।
Read Also: Katrina Kaif ने टाइगर 3 फिल्म के ट्रेनिंग के वीडियो किये शेयर, कई लोगों ने किया सलाम