Top News

पर्दे पर आना आसान नहीं, इसके लिए करनी होती है जबरदस्त मेहनत : बृजेन्द्र काला 

टीवी और फिल्म के प्रसिद्ध अभिनेता बृजेंद्र काला सोमवार को भोपाल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपने पुराने दिनों को याद कर कई बातें StackUmbrella के साथ साझा कीं। अपने बिजी शेड्यूल से वो कुछ समय निकालकर खरीदारी करने के लिए न्यू मार्केट पहुंचे। इस दौरान वो डोनाज स्टोर भी पहुंचे। जहां कुणाल परियानी और अमित परियानी ने उनका जोरदार स्वागत किया। 

इसी दौरान उन्होंने हमसे बात करते हुए अपने पुराने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री में पर्दे पर आना उनके लिए आसान नहीं था। इसके लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी। वहीं भोपाल के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि भोपाल बहुत ही सुंदर शहर है।

शुरुआत में स्क्रिप्ट राइटर के रूप में किया काम : 
मैंने थिएटर आर्टिस्ट के रूप में 17 साल से अधिक समय तक काम किया है। एक्टिंग का शौक शुरू से ही रहा। इसलिए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के रिपर्टरी में आवेदन किया, लेकिन जब तक इंटरव्यू की सूचना मेरे घर तक पहुंचती, तब तक बैच फुल हो चुका था। बाद में मैंने दिल्ली स्थित श्री राम सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में रिपर्टरी के लिए आवेदन किया, लेकिन मैं इसमें शामिल नहीं हुए।

(बृजेन्द्र जी का स्वागत करते हुए कुणाल परियानी)

बाद में 1992 में हिंदी फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुंबई जाने से पहले मैंने एक थिएटर आर्टिस्ट के रूप में अपनी पहचान बनाई। इसके बाद मुंबई में एक पटकथा लेखक के साथ जुड़कर पटकथा लेखन में उनकी सहायता करने लगा। बाद में एकता कपूर के कई टीवी सीरीयल्स में डायलॉग्स लिखे। कहानी घर घर की के लिए भी डायलॉग लिखे।

एक्टिंग के लिए 2003 तक किया इंतजार : 
बृजेन्द्र बताते हैं कि एक्टिंग के लिए उन्हें 2003 तक इंतजार करना पड़ा। उन्होंने सबसे पहले तिग्मांशु धूलिया की हासिल (2003) में एक समाचार पत्र विक्रेता के रूप में छोटी सी भूमिका निभाई थी। इसके बाद जब वी मेट, मिथ्या, अग्निपथ, पान सिंह तोमर, आंखों देखी, पीके, ट्यूबलाइट और बत्ती गुल मीटर चालू, डोली की डोली, गुलाबो सिताबो, शुभ मंगल सावधान,  भूतनाथ रिटर्न, जोली एलएलबी -2, और हाल ही में रिलीज शेरनी फिल्म में भी अच्छी भूमिका निभाई है। इसके अलावा वे समय समय पर छोटे पर्दे पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते रहते हैं।

बॉलीवुड में रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं : 
वे बताते हैं कि बॉलीवुड में रिटारयरमेंट की कोई उम्र नहीं है। यदि व्यक्ति में क्षमता है और उसके शरीर में दम है तो वो लंबे समय तक काम करता रहा सकता है। ऐसे कई लोग हैं, जो बूढ़े होकर भी काम कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए शरीर में दम और आपमें क्षमता होनी चाहिए।

(अमित परियानी ने शाल श्रीफल भेंटकर बृजेन्द्र जी को धन्यवाद दिया)

अभी इंडस्ट्री में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो जवानी में भी बूढ़ों के काम कर रहे हैं और कुछ 50 साल उम्र के लोग 80 साल के बुजुर्ग का किरदार निभा रहे हैं। इंडस्ट्री रोल के लिए क्षमता वाले व्यक्ति को ही ढूंढती है। अगर आपके शरीर में शक्ति है और आप में डायलॉग बोलने की क्षमता है तो उम्र आपके लिए बाधा नहीं है।

युवा भ्रमित न होकर केवल मानवता के लिए काम करें : 
युवाओं में बढ़ते आपसी वैमनस्य पर वे युवाओं को शिक्षा देते हुए कहते हैं कि युवा भ्रमित न हों और राजनीतिक पार्टियों को अपना गुरु बिल्कुल भी न बनाएं। युवाओं से मेरा केवल इतना ही अनुरोध है कि वे केवल मानवता के लिए ही काम करें। आज इसी की सबसे ज्यादा हमारे देश को जरूरत है।

हम आपस में प्रेम और सद्भाव से कैसे रह सकते हैं? इस पर विचार होना चाहिए। हमारे देश में बहुत से धर्म हैं। उनका सम्मान करना चाहिए और नेताओं के बहकावे में नहीं आना चाहिए।

यह भी पढ़ें : पीपीई किट पहनकर हुए थे फिल्म शेरनी के ऑडिशन, मप्र के गांवों से जुड़े हैं कई कलाकार

Share post: facebook twitter pinterest whatsapp