Dry Eyes Syndrome: हमारी आंखों में टियर परत होती है जिसे टियर फिल्म कहते है, यह आंसुओं की परत होती है। इन आंसुओं की परत में खराबी आने से ही ड्राई आइज़ सिंड्रोम बीमारी हो जाती है। यह परत तरल पदार्थ की बनी होती है और आंखों के सबसे ऊपरी परत को ढ़कती है। यह परत तीन अलग-अलग तरह की होती है। फैटी ऑइल्स, एक्वस फ्ल्युड और म्युकस। ये तीन परतें आंखों की सतह को चिकनी, मुलायम और स्पष्ट बनाएं रखने का काम करती है। इन तीन परतों में से ही किसी एक के खराब होने से ये बीमारी लग जाती है।
इसका एक कारण यह है की जब हम मोबाईल, लैपटॉप, कम्प्यूटर का ज्यादा प्रयोग करते है तो उसमें लगातार देखते है। लगातार देखने से आखों के आंसू सूख जाते है। आंखों के रेटिना पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है और ड्राई आई की समस्यां होने लगती है।
ड्राई आंखों के लक्षण
आंखों में जलन होना।
आंखों में तेज दर्द होना।
आंखों का लाल हो जाना।
आंखों में या आंखों के आसपास चिपचिपे म्युकस का जमा होना।
तेज रोशनी न सहन कर पाना।
थोड़ा सा काम करने पर ही आंखों में थकान महसूस करना।
पढ़ने या कम्प्युटर पर काम करने में परेशानी होना।
दृष्टि धुंधली पड़ जाना।
आंखों मे किरकिरा महसूस होना।
आंखों में भारीपन महसूस होना।
ड्राई आइज़ सिंड्रोम होने के कारण
हमारी आँखों में सूखापन का हो जाना या आँखों में नमी की कमी होना, जिसके पीछे बहुत सारे कारण होते हैं। जैसे-
- ज्यादा देर तक कम्प्यूटर में काम करना।
- कॉन्टैक्ट लेंस का लंबे समय तक प्रयोग करना।
- A.C में ज्यादा देर तक बैठना।
- प्रदूषण के कारण।
- दर्द निवारक, हाई बल्डप्रशेर और उदासी दूर करने वाली दवाओं का सेवन।
- ग्रंथियों को पहुँचा किसी प्रकार का नुकसान जिसके चलते आँसूओं के बनने में कमी हो जाती है।
- विटामिनए की कमी का होना।
- बुढ़ापे के कारण, 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में कई बार आँसूओं का बनना कम हो जाता है।
- मुँहासे के इलाज के लिए प्रयोग की जाने वाली आइसोट्रेटीनियोन दवाओं के सेवन से भी आंसूओं का बनना कम हो जाता है।
- नॉर्मल एलर्जी से ।
- सही प्रकार का खान- पान न होना।
सरल उपायों से करें बचाव
- कम्प्यूटर स्क्रीन को 20 इंच की दूरी पर या अपने हाथ की लंबाई जितना दूर रखें।
- यदि आंखे कमजोर है, तो कम्प्यूटर या मोबाइल के इस्तेमाल के समय चश्मा जरूर लगांए।
- स्क्रीन देखते समय पलकें झपकाना न भूलें, पलक झपकने से सूखेपन धुंधलेपन की समस्या से बचा सकते हैं।
- कम्प्यूटर स्क्रीन के आसपास पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए। कम्प्यूटर या फोन की ब्राइटनेस को न ज्यादा तेज रखे और न ही ज्यादा कम।
- आंखों को थकान होने पर रगड़ने से बचें, इससे आंखों में संक्रमण की आशंका बढ़ सकती है।
- मोबाइल/कम्प्यूटर पर फॉन्ट साइज बड़ा रखें।
- पूरी नींद और अच्छी मात्रा में पानी पीएं। कम पानी पीने से आंखों में सूखेपन के लक्षण बढ़ सकते हैं
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