भांग कैसे काम करता है?
डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य Bhang के पीछे की साइंस और कैनेबिस (cannabis) के बारे में अन्य जानकारी प्रदान करना है. इसका मकसद कहीं से भी अवैध और नशीले पदार्थों के उपयोग को बढ़ावा देना नहीं है।
क्या है भांग?
अंग्रेज़ी में Bhang के पौधे को Cannabis (कैनेबिस) या Hemp (हैम्प) कहते हैं।
सबसे पहले चलिए जानते है कि कैनेबिस के पौधे से कितने तरह की नशीली चीज़ें मिलती हैं:
- पहली गांजा – ये कैनेबिस के फूलों से बनता है. इन फूलों को सुखाया जाता है और फिर इसको स्मोक किया जाता है भारत समेत कई देशों में गैरकानूनी है।
- दूसरी चरस – इसे कैनेबिस के पौधे से निकले मैल से तैयार किया जाता है. कुछ-कुछ रेज़िन जैसा. चरस को हशीश या हैश भी कहते हैं. ये भी गैरकानूनी है।
- तीसरी होती है भांग – Bhang को कैनेबिस की पत्तियों और बीजों को पीसकर बनाया जाता है. ये सरकारी भांग की दुकानों पर मिलता है। इन दुकानों के ठेके होते हैं, टेंडर होते हैं, पक्का लाइसेंस होता है।
ये Cannabis का पौधा खासकर ठंडे इलाकों में उगता है
इसके बारे में हमारे कल्चर में सदियों से बहुत बातें सुनने में आती हैं। अथर्ववेद ने Bhang को धरती पर पांच सबसे पवित्र पौधों में से एक बोला है। वहां भांग का उल्लेख एक ‘स्ट्रेस कम करने वाली’, ‘ख़ुशी देने वाली’ और ‘मुक्ति देने वाली’ चीज़ के रूप में किया गया है।
इसके अलावा आयुर्वेद में भी एक दवा के रूप में इसकी चर्चा होती रहती है।लेकिन इसके ये सारे गुण आते कहां से हैं?आइए समझते है विज्ञानं से।
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साइंस क्या कहती है?
Cannabis में 2 तरह के केमिकल प्रॉपर्टीज होती है
- THC (Tetrahydrocannabinol)
- CBD (Cannabidiol)
- ECS (Endocannabinoid System)
‘Endo (एंडो)’ का मतलब होता है ‘अंदर’. तो ECS हुए अपनी बॉडी में बनने वाले cannabinoid जैसे तत्त्व। THC और CBD हमारे इसी endocannabinoid system के साथ गड़बड़ी करते हैं। इस सिस्टम का एक ज़रूरी हिस्सा और है Cannabinoid Receptors।
भांग में THC और CBD दोनों होते हैं. ये हमारे शरीर में बनने वाले ECS की नक़ल करते हैं. ECS की तरह ये भी रिसेप्टर्स से चिपक जाते हैं और दिमाग में दौड़ रहे सिग्नल्स का रास्ता रोकते हैं।
THC के ऐसे ही रिसेप्टर्स से चिपकने के बाद मन-मस्तिष्क में अलग-अलग हरकतें होती हैं।
दर्द में आराम मिल सकता है. भूख लग सकती है। कुछ मामलों में पागलपन या घबराहट होने लगती है। तभी तो Bhang खाने पर किसी का बैलेंस खराब हो जाता है तो कोई अपनी ज़बान पर से कंट्रोल खो बैठता है।
वहीं CBD का ऐसा कोई खास नेगेटिव असर नहीं देखा गया है। CBD आपको ‘हाई’ नहीं करता. पाया गया है कि ये पाचन रिलेटेड प्रॉब्लम में, सरदर्द में, मसल पेन में राहत देता है. यहीं से Bhang को दवा वाले गुण मिल जाते हैं। हालांकि ईमानदारी की बात ये कि इस बारे में और रिसर्च की ज़रूरत है।
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स्टडी से पता चला है कि cannabis (कैनाबिस) को फूंकने से खून में कैनाबिनोइड का लेवल 15-30 मिनट में बढ़ता है। वहीं अगर इसका सेवन खा कर या पी कर किया जाए तो असर दिखने में समय लगता है। 2-3 घंटे लगभग.