Vitamin: हॉर्मोनल का संतुलन अच्छे व स्वस्थ शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी की वजह से भी शरीर को हॉर्मोनल असंतुलन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शरीर को स्वस्थ को रखने के लिए आवश्यक न्यूट्रिशन लेना बेहद महत्वपूर्ण है।
देखा जाये तो पुरुषों की आपेक्षा महिलाओं को हॉर्मोन्स को संतुलित रखने के लिए कुछ खास Vitamin की अधिक आवश्यकता होती है। आज के समय में हार्मोनल असंतुलन सभी के लिए एक आम समस्या बन चुकी है।
खान-पान में बदलाव, तनाव भरी जिंदगी, और दैनिक जीवन की गलत आदतों के कारण बहुत से लोगों को हॉर्मोनल असंतुलन का सामना करना पड़ रहा है।महिलाओं में पीरियड से लेकर मेनोपॉज, प्रेगनेंसी और तनाव के कारण हार्मोंस में बदलाव आते हैं, जिस कारण से यह समस्या अधिक महिलाओं में अधिक देखने को मिलती हैं।
इसलिए सबसे पहले महिलाओं को हार्मोनल असंतुलन के लक्षणों की जानकारी होना बेहद महत्वपूर्ण है, तभी वे अपनी स्थिति में समय रहते सुधार कर सकें।
हार्मोनल संतुलन बनाए रखने के लिए कुछ आवश्यक विटामिंस
वैसे देखा जाये तो हमारे अच्छे व स्वस्थ शरीर के लिए सभी Vitamins का उचित मात्रा में होना बहुत आवश्यक है, परन्तु ये कुछ ऐसे विटामिन्स है जो शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाये रखते है।
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Vitamin C
Vitamin C को एस्कॉर्बिक एसिड भी कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण विटामिन, न्यूट्रिएंट और एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो हार्मोनल के संतुलन के लिए बेहद आवश्यक होता है। शरीर में विटामिन सी की उचित मात्रा कॉर्टिसोल और एड्रेनालाईन के स्तर को रेगुलेट और इम्यून फंक्शन को इंप्रूव करती है हार्मोनल संतुलनको बरकरार रखती है।
विटामिन सी हाई ब्लड प्रेशर से लेकर इन्फ्लेमेशन की स्थिति में कारगर होती है। इतना ही नहीं यह कॉर्टिसोल की मात्रा को संतुलित रखते हुए स्ट्रेस और एंजायटी को कम कर देती है। वहीं महिलाओं में फर्टिलिटी को बनाए रखने में भी विटामिन सी का एक बड़ा योगदान है।
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Vitamin B
विटामिन बी शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण व आवश्यक विटामिन है। विटामिन B2, B6 और B12 महिलाओं में एस्ट्रोजन के स्तर को रिबैलेंस करने में मदद करता है। यह हॉर्मोन को संतुलित रखने के साथ ही इसे रिबैलेंस करने में भी मदद करता है। साथ ही साथ प्रोजेस्टेरॉन के प्रोडक्शन को भी संतुलित रखता है।
हॉर्मोन्स में होने वाले बदलाव में भी ये मेटाबॉलिज्म को स्टेबल रखता है, ताकि वेट संतुलित रहे। इसके साथ ही विटामिन बी, सेरोटोनिन यानी की “फील गुड” हार्मोन के प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही बी विटामिन कॉर्टिसोल के स्तर को सामान्य रखता है और स्ट्रेस मैनेजमेंट में मदद करता है।
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Vitamin D
शरीर में Vitamin D की पर्याप्त मात्रा Hormonal को संतुलित रखने के लिए बेहद आश्यक है। विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के प्रोडक्शन और एक्टिविटी को कंट्रोल करती हैं, ताकि यह दोनों हारमोंस संतुलित रहें। साथ ही थायराइड हारमोंस को मैनेज करने में भी इसका एक बड़ा योगदान है।
शरीर में विटामिन डी की कमी होने से Thyroid का खतरा बढ़ जाता है, साथ ही साथ कई अन्य प्रकार के हार्मोनल असंतुलन का सामना भी करना पड़ सकता है।इसके साथ ही विटामिन डी इंसुलिन और ब्लड शुगर लेवल को भी रेगुलेट करती हैं। ऐसे में फैटी फिश, अंडा और अनाज जैसे खाद्य स्रोत के माध्यम से शरीर में विटामिन डी की एक उचित मात्रा को बनाए रख सकती हैं।
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Vitamin E
Vitamin E एक फैट सॉल्युबल विटामिन है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज पाई जाती है और यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के मैनेजमेंट में भी काफी मदद करती है। वहीं ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को संतुलित रखने में भी मदद करती है। शरीर में विटामिन ई की उचित मात्रा फीमेल रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए बेहद कारगर होती है। विटामिन ई प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस के रिस्क को कम कर देती है। विटामिन ई की कमी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस तनाव के साथ-साथ तमाम शारीरिक समस्याओं का एक बड़ा कारण है।
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Vitamin K2
Vitamin K2 एक फैट सॉल्युबल विटामिन है जो की हरी पत्तेदार सब्जियों में पाए जाते हैं। शरीर में आंतों में मौजूद बैक्टीरिया द्वारा विटामिन K2 को उत्पन्न किया जाता हैं। साथ ही साथ यह एनिमल बेस्ड फूड और फर्मेंटेड फूड्स में भी मौजूद होते हैं। स्टडी की माने तो विटामिन डी और के सप्लीमेंट एक साथ मिलकर महिलाओं में एंड्रोजन हार्मोन और टेस्टोस्टरॉन के स्तर को कम कर देते हैं।
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