सेहत। दही (Curd) स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी है और दही को सेवन भारत के लगभग हर घर में किया जाता है। हालांकि सर्दियों के मौसम में कुछ लोग दही खाना छोड़ देते हैं। जबकि मौसम बदलने के साथ ही न केवल दही, बल्कि दही से बनने वाले व्यंजन भी दैनिक आहार में जुड़ने लगते हैं।
अगर आपने भी आजकल दही खाना शुरु कर दिया है, तो हम उन जरूरी तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दही को आपके और भी हेल्दी बना सकते हैं।
अधिकतर लोग दही का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन इसे लेने का सही वक्त, दही को किन वस्तुओं के साथ लेना चाहिए, दही (Curd) को कैसे जमाना है, इन बातों से अनभिज्ञ हैं। तो ऐसे में हम आपको आज दही से जुड़ी कुछ जरूरी बातों को बताते हैं ध्यान से पढ़ें…
दही और योगर्ट में अंतर (Curd)
दही को हम अपने प्रतिदिन के आहार में शामिल करते हैं, दही (Curd) को जमाने के लिए हल्के गर्म दूध में खट्टा नींबू का रस डाला जाता है। दही जमने करीब सात घंटे का वक्त लगता है। इस वक्त में थोड़ा हेरफेर भी हो सकता है।
वहीं, योगर्ट को बनाने के लिए आर्टिफिशियल फर्मेंटेंशन प्रोसेस कि जाता है। योगर्ट में फ्लेवर एड करने के लिए फलों को मिलाया जाता है। योगर्ट के फ्लेवर तरह-तरह के होते हैं।
रात से बेहतर है दिन में दही खाएं (Curd)
दही को पचने में अधिक ऊर्जा लगती है। इसी कारण इसे दिन में खाने की सलाह दी जाती है। रात में भोजन करने के बाद अक्सर लोग घूमने की वजाय बिस्तर पर पहुंच जाते हैं। यही वजह है कि हमारी पाचन क्रिया खराब होने लगती है।
रात के वक्त दही खाने से बॉडी में पित्त की मात्रा बढ़ती है जो सूजन की समस्या पैदा कर सकती है। अगर आपको चोट लगी है, तो खट्टेपन की वजह से समस्या और अधिक बढ़ सकती है।
मिट्टी के बर्तन में जमाया दही है ज्यादा हेल्दी
असल में मिट्टी के बर्तन का तापमान प्राकृतिक तौर पर ही कंट्रोल होता है। दही के जमने के लिए प्राकॄतिक तापमान की जरूरत होती है। ज्यादा ठंड और गर्म दोनों ही तापमान में दही में मौजूद गुड बैक्टिीरिया को प्रभावित कर सकते हैं।
गुड बैक्टिीरिया अगर संतुलित न हो तो ये आपकी सेहत को खराब कर सकते हैं। घर में मिट्टी के बर्तन में जमी दही खाने से सर्दी और जुकाम नहीं होते हैं लेकिन बाजार की दही से हो जाते हैं।
दही खाने के फायदे
इम्यूनिटी बढ़ाता है दही
यदि किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो उसे दही खिलाना चाहिए। क्योंकि इसमें लैक्टिक एसिड पाया जाता है, जो प्रोबायोटिक भी है।
दही में उपस्थित अच्छे बैक्टिीरिया गट सेहत के लिए काफी फायदेमंद है और संक्रमण फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों को भी शरीर से दूर रखते हैं।
ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है दही
दही में कुछ तत्व जैसे मैग्नीशियम, पोटेशियम और कैल्शियम पाए जाते हैं। यह हाई ब्लड प्रेशर कम करने का कार्य करते हैं। इससे कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल में रहता है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए आपको दही का सेवन जरूर करना चाहिए।
रिंकल की परेशानी होगी दूर
एजिंग के साथ फाइनलाइन और रिंकल जैसी समस्या बहुत आम है। लेकिन लोगों में यह समस्या काफी पहले आनी शुरु हो जाती है। दही का इस्तेमाल स्किन की इलास्टिसिटी को बढ़ाता है।
जिस वजह से स्किन की मांसपेशियां टाइट होती हैं, फाइनलाइन और रिंकल को कम करती हैं।
दही के साथ इन चीजों का ना करें इस्तेमाल
मछली के साथ दही नुकसानदेह
आयुर्वेद के मुताबिक मछली और दही साथ नहीं खाना चाहिए। इससे आपकी सेहत पर गलत असर पड़ सकता है। मछली की तासीर गर्म होती है, जबकि दही ठंडी तासीर का होता है।
यदि दोनों का सेवन एक साथ किया जाए तो कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
तली वस्तुओं के साथ न खाएं
दही के साथ पकोड़े और परांठे जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पाचन तंत्र खराब होता है। दही तली हुई चिकनी चीजों को पचा नहीं पाता है, जिससे खाने को पचाने में व्यवधान उत्पन्न होता है।
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दही के साथ प्यास खाना हानिकारक
वर्तमान में कुछ भी चलन होने लगता है। लोग अक्सर दही का रायता बनाते हैं फिर उसमें प्याज मिला दी जाती है। यह रायते का स्वाद तो बाहर से बढ़ाता है, लेकिन सेहत की नजर से काफी हानिकारक होता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों की तासीर गर्म होती है। और दोनों का साथ सेवन करना एलर्जी की वजह बन सकती है। इससे एक्जिमा, गैस की परेशानी और शरीर पर दाग की समस्या से जूझना पड़ सकता है।
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