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हबीबगंज डिपो में ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट में धुलेंगे कोच, होगी बिजली, पानी और समय की बचत 

पारंपरिक तरीके से कोचों की सफाई करने में ज्यादा समय लगता है। साथ ही पानी की खपत भी अधिक होती है। इस समस्या के समाधान हेतु हबीबगंज कोचिंग डिपो में गाड़ी के डिब्बों को बाहर से धोने के लिए ऑटोमेटिक कोच वाॅशिंग प्लांट लगाया जा रहा है। इस तकनीक से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि पानी की खपत भी कम होगी।

ऑटोमेटिक वाॅशिंग प्लांट 24 कोच की एक ट्रेन को केवल 7 से 8 मिनट में साफ कर देगा। गौरतलब है कि भोपाल रेल मंडल डीआरएम उदय बोरवणकर के कुशल निर्देशन और मार्गदर्शन में नए आयाम हासिल कर रहा है। इस तकनीक की काेच की धुलाई से जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के साथ आसपास स्वच्छता भी बनी रहेगी। 

    
लगाया गया 30 हजार लीटर का वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट :  
इस वाशिंग प्लांट मे एक 30 हजार लीटर की क्षमता वाला अपशिष्ट उपचार संयंत्र (Effluent Treatment Plant) भी लगाया गया है। जिससे सफाई के बाद निकले हुए पानी को 90 प्रतिशत से भी अधिक मात्रा में रिसाइकिल करके फिर से उपयोग मे लाया जा सकेगा। इससे पानी की खपत कम होगी और जल संरक्षण भी होगा। 


संचालन के बाद रेलगाड़ियों की डिब्बे बाहर से बहुत गंदे हो जाते हैं। जिन्हें साफ करना बहुत मुश्किल काम होता है। ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट लगने से डिब्बों की धुलाई तेज भी होगी और इससे ट्रेनों के डिब्बे काफी साफ सुथरे, अच्छे और चमकदार दिखेंगे।

यात्रियों को बेहतर सुविधाओं के लिए प्रयासरत भोपाल रेल मंडल 

ऑटोमेटिक प्लांट में गाड़ियों की धुलाई में कम लोगों की आवश्यकता होती है। साथ ही बिजली और रख रखाव में भी कम लागत आती है। डीआरएम उदय बोरवणकर की मानें तो भोपाल मंडल रेल प्रशासन अपने यात्रियों को स्टेशन परिसर में और यात्रा के दौरान साफ-सुथरा, पर्यावरण अनुकूल एवं सुखद वातावरण मुहैया कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है। ऑटोमेटिक कोच वाशिंग तकनीक से गाड़ी के डिब्बों की उत्कृष्ट गुणवत्ता की साफ-सफाई उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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