Chandrayaan 3: भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतार कर विश्व में एक नया कीर्तिमान हासिल किया है और भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतारने वाला पहला देश भी बन गया है और Chandrayaan 3 के लैंड होने के बाद उसके अंदर से प्रज्ञान रोवर निकला जिसने 14 दिन तक चांद की सतह पर खोज की और इसरो को कई नई चीजों का पता भी चला लेकिन इसके बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रात हो गई और इसी वजह से इस रोवर को और लैंडर को स्लीप मोड में भेज दिया गया लेकिन 14 दिन बाद जब फिर से सुबह हुई तो कुछ खराबी आने की वजह से यह रोवर नींद से नहीं उठा और अब इस लैंडर और रोवर को एक बड़ा खतरा हो सकता है।
जानिए Chandrayaan 3 को क्या है खतरा
आपकी जानकारी के लिए बता दें की चंद्रमा पर हर वक्त आसमान से छोटे-छोटे उल्का पिंडों की बरसात होती रहती है और कई बार चंद्रमा पर बड़े उल्का पिंड भी गिर जाते हैं और इस वक्त चंद्रमा पर चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर मौजूद है और यदि ऐसे में कोई छोटा सा उल्का पिंड भी इनके ऊपर गिर जाता है तो इसे काफी बड़ा नुकसान हो सकता है और इसी वजह से उल्का पिंडों से Chandrayaan 3 के लैंडर और रोवर को बड़ा खतरा है।
यह भी पढ़े:- DRDO, RAC में निकली 51 पदों पर भर्तीया, जाने आवेदन की अंतिम तिथि
Chandrayaan 3 पर खतरे से इसरो के साइंटिस्ट की बढ़ गई टेंशन
वैसे भी इसरो के साइंटिस्ट विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के स्लिप मोड़ में जाने की वजह से काफी ज्यादा परेशान है और कई दिनों से यह स्लीप मोड़ से बाहर नहीं आए है लेकिन इसरो के साइंटिस्ट को अभी भी उम्मीद है कि चांद पर फिर से दिन होने के बाद प्रज्ञान रोवर और विक्रम लेंडर स्लीप मोड़ से बाहर आ सकते है लेकिन कई दिनों से स्लीप मोड में रहने की वजह से यह एक ही जगह पर है और ऐसे में इनके ऊपर उल्का पिंड गिरने की काफी ज्यादा संभावना बनी हुई है इसलिए इसरो के साइंटिस्ट की टेंशन बढ़ गई है।
यह भी पढ़े:- Good Health Tips: इन 4 चीजों के सेवन से किडनी पर पड़ सकता है बुरा असर, जाने पूरी डिटेल्स