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Chaitra Navratri 2024: आदिशक्ति के नौ रूपों के पूजन के लिए ही नहीं, बल्कि इन कारणों से भी खास है चैत्र नवरात्र

Chaitra Navratri 2024

Chaitra Navratri 2024: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का विशेष महत्व रहता है, शिवरात्रि खत्म होने के बाद अब लोग चैत्र नवरात्रि का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन इस बार मार्च में नहीं बल्कि अप्रैल में चैत्र नवरात्रि मनाई जाएगी, ऐसे में भक्तों को जिज्ञासा रहती है कि इस बार नवरात्रि कितने दिन की पड़ रही है और नवरात्रि (Navratri) पर माता की सवारी क्या होगी? इसके शुभ और अशुभ प्रभाव क्या पड़ेगे, आइए आपके इन सभी सवालों के जवाब देते हैं और आपको बताते हैं इस बार चैत्र नवरात्रि कब से कब तक होगी. (Chaitra Navratri 2024 Date)

चैत्र नवरात्रि 2024 डेट और शुभ मुहूर्त(Chaitra Navratri 2024)

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ज्योतिषों के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है, जो इस बार 8 अप्रैल को रात 2:11 से शुरू होगी. वहीं, घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल को होगा, जिसका शुभ मुहूर्त सुबह 6:21 से लेकर 10:35 तक रहेगा. वहीं, अभिजीत मुहूर्त 11:57 से लेकर 12:48 तक माना जाएगा, घटस्थापना के लिए ये सबसे शुभ मुहूर्त(Chaitra Navratri 2024) माना जाता है. इतना ही नहीं चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है, जो सुबह 7 बजकर 32 से शाम 5 बजकर 6 मिनट तक है. इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से जातकों को सभी सुखों की प्राप्ति होती है. इसके बाद 17 अप्रैल को नवरात्रि का समापन होगा, यानी कि इस बार चैत्र नवरात्रि पूरे के पूरे 9 दिन की होने वाली है. ऐसे में पूरे 9 दिन माता रानी हम सब के बीच रहने वाली हैं.

घोड़े पर सवार होकर आएंगी माता रानी 

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, नवरात्रि में मां दुर्गा का वाहन हाथी, नाव, घोड़ा आदि होता है. ये सवारी कुछ ना कुछ संकेत देती है. इस बार चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा का आगमन घोड़े पर होगा. ज्योतिषों(Chaitra Navratri 2024) के अनुसार, ये बहुत शुभ संकेत दे रहे हैं क्योंकि माता रानी जब घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो सत्ता परिवर्तन का संकेत देती हैं. सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से माता रानी का घोड़े पर सवार होकर आना बहुत शुभ माना जा रहा है.

नवरात्रि का ज्योतिष महत्व

ज्योतिष शास्त्र में भी चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है। क्योंकि चैत्र नवरात्र के बाद सूर्य का राशि परिवर्तन(Chaitra Navratri 2024) होता है। यह एक ऐसा समय है जब सूर्य 12 राशियों में भ्रमण पूरा कर फिर से पहली राशि मेष में प्रवेश करते हैं। वहीं, सूर्य और मंगल दोनों की राशि मेष का तत्व अग्नि माना गया है। इसलिए इनके संयोग से गर्मी की भी शुरुआत होती है।

डिसक्लेमर: ‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

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