Cryptocurrency: बाजार की कीमत के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में गुरूवार को कुछ तेजी देखी गई थी। यह 1.03 प्रतिशत के साथ 24,445 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था।
पिछले कुछ सप्ताह से बिटकॉइन 25,000 डॉलर के पास पहुंच रहा है, लेकिन यह अभी तक इस रेजिस्टेंस को तोड़ नहीं पाया है। गुरूवार से पहले बिटकॉइन की वैल्यू करीब 385 डॉलर बढ़ी है।
इन Cryptocurrency भी रही तेजी
दूसरी सबसे बड़ी Cryptocurrency Ether के प्राइस में 1.47 फीसदी की वृध्दि देखने को मिली है। क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के मुताबिक, इसकी वैल्यू 1,669 डॉलर थी।
इसके अलावा Binance Coin, Cardano, Polygon और सोलोना, पोलकाडोट, लाइटकॉइन और ट्रोन में भी तेजी थी। बीते दो दिन में क्रिप्टो मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.57 फीसदी बढ़कर करीब 1.57 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्या है अमेरिका का पेंच
Dapps और UniFarm की को-फाउंडर और COO, Tarusha Mittal के मुताबिक तारीख की सीमा नहीं बढ़ाने को लेकर अमेरिका के डिफॉल्ट करने के चलते बिटकॉइन में खरीददारी बढ़ी है।
इसी कारण के चलते इस Cryptocurrency में तेजी देखने को मिली है। क्रिप्टो इंडस्ट्री के विकास के लिए डिजिटल एसेट्स को लेकर अमेरिका के नियमों और कायदों में स्पष्टता अहम होगी।
अमेरिका की फेडरल ओपन मार्केट ने अपनी हाल की मीटिंग में इन्फ्लेशन पर लगाम लगाने के लिए इंटरनेट रेट्स में दोबारा वृध्दि करने का संकेत दिया है। इस कारण से अमेरिकी डॉलर से जुड़े Tether, USD Coin और Binance USD जैसे स्टेबलकॉइन्स में गिरावट दर्ज की गई है।
FTX के दिवालिया पर उठे सवाल
बीते साल के आखिरी में बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल FTX के दिवालिया होने के बाद बाजार पर काफी नेगेटिव असर देखा गया था। इससे बड़ी तादात में इनवेस्टर्स ने Cryptocurrency से दूरी बना ली थी। FTX के सॉफ्टवेयर में परिवर्तन करके क्लाइंट्स के फंड का उपयोग किया गया था।
एक्सजेंज के चीफ इंजीनियर ने कोड में बदलाव करके एफटीएक्स के निर्माता Sam Bankman Fried की संस्था अलमेडा रिसर्च को उधार ली गई रकम पर नुकसान होने के बावजूद उसकी संपत्ति बेचने की छूट दी थी।
इस छूट से फर्म को एफटीएक्स से फंड उधार लेने की परमिशन मिल गई थी, चाहे उसके बदले में कोलेट्रल की कीमत कितनी भी क्यों न हो।
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कोड में हुए इस तरह के परिवर्तन को अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने पकड़ा था। SEC का कहना था कि इससे Alameda Research को बिना किसी सीमा के क्रेडिट दिया जा रहा था। फर्म को दो सालों में अरबों डॉलर का उधार मिल चुका था।
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