तेजी से बढ रहे कोरोना मामलों के बीच कुछ हफ्तों से ब्लैक फंगस के मामले देखने को मिले थे इसी के साथ अब व्हाइट फंगस के भी कुछ नए मामले सामने आए हैं जो हैरान कर देने वाले हैं।
ब्लैक फंगस से खतरनाक माने जाने वाले व्हाइट फंगस संक्रमण के चार मामले पटना, बिहार से सामने आए हैं। संक्रमित मरीजों में पटना एक मशहूर डॉक्टर का नाम भी शामिल है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, व्हाइट फंगस, ब्लैक फंगस से अधिक खतरनाक है क्योंकि यह फेफड़ों के साथ-साथ शरीर के अन्य भागों जैसे नाखून, त्वचा, पेट, गुर्दे, मस्तिष्क, और मुंह को प्रभावित करता है।
क्या है व्हाइट फंगस
ब्लैक फंगस की तरह व्हाइट फंगस भी एक कवक सकंमण है जो कोरोना के कारण फैल रहा है बताया जा रहा है कि यह शरीर के कई हिस्सों में तेजी से फैल रहा इसलिए पिछले वाले संक्रमण से थोड़ा खतरनाक है।
पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के हेड डॉ. एसएन सिंह ने इस बात की जानकारी दी कि व्हाइट फंगस के इन मरीजों में कोरोना के समान ही लक्षण पाए गए हैं। जब इन मरीजों का आरटीपीसीआए टेस्ट कराया गया है तो एक सफेद रंग का फंगस बॉडी में पाया गया। डॉ. सिंह ने बताया कि एंटी फंगल दवाएं देने के बाद मरीज ठीक हो गए।
लक्षण और सुरक्षा के उपाय
कोरोना के बाद हो रहे ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के लक्षण अभी तक समान बताए जा रहे हैं तो इनके बचाव के उपाय भी समान है, विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो म्यूकोर्मिकोसिस mucormycosis (व्हाइट फंगस) बहुत खतरनाक हो सकता है। सिर दर्द, चेहरे का दर्द, नाक में जकड़न, आंखों की रोशनी खराब होना या आंखों में दर्द, गालों और आंखों में सूजन नाक ,में काली पपड़ी खाँसी, खूनी उल्टी बदली हुई मानसिक स्थिति इसके लक्षण हैं।
वहीं सुरक्षा उपायों की बात की जाए तो जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाकर इस फंगस को कंट्रोल किया जा सकता है।