भक्तों का दुख दूर करने के लिए और दुष्टों का अंत करने के लिए भगवान श्रीराम ने त्रेता युग में जन्म लिया था। नवरात्र के नौवे दिन उनका जन्म हुआ था।
Ram Navami 30 मार्च, गुरुवार को Ram Navami का त्यौहार मनाया जाएगा। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इसलिए इस दिन को प्रत्येक वर्ष भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
Ram Navami पर रामायण और रामरक्षा स्त्रोत का पाठ पढ़ा जाता है। इस दिन सभी मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। रामनवमी पर्व पर व्रत और पूजा करने का बहुत ज्यादा फलदायी माना जाता है।
आपको बता दें कि मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति विधि-विधान से भगवान राम की पूजा, जप और व्रत करता है, उसे जीवन से जुड़े सभी सुख प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं कि रामनवमी का पूरा पुण्यफल पाने के लिए व्रत एवं पूजा करते समय क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए।
रामनवमी की पूजा करते समय रखें ये ध्यान-
Ram Navami के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान ध्यान के बाद सूर्य देवता को तांबे के लोटे से अर्घ्य देना चाहिए।
Ram Navami के दिन श्रीरामचरितमानस की पूजा भी करें।
श्री राम की पूजा में पीले वस्त्र, पीले पुष्प, और पीला चंदन अर्पित करें।
श्रीराम को भोग के साथ तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं।
रामनवमी के दिन स्नान-दान का भी महत्व है। ऐसे में रामनवमी के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों को दान दें।
रामनवमी के दिन विशेष रूप से रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें।
रामनवमी का महत्व-
Ram Navami के दिन पूरे देश में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का जन्म दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। अयोध्या में रामनवमी के मौके पर भव्य कार्यक्रम और मेले आयोजित किए जाते हैं। मान्यता है कि रामनवमी के दिन मां भगवती और श्रीराम की पूजा पूरे विधि विधान से करने वाले भक्तों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।
साथ ही उनके जीवन से कष्टों का नाश होता है। रामनवमी के साथ नवरात्रि का समापन भी किया जाता है। यही वजह है कि इस दिन कई लोग कन्या पूजन कर माता रानी की आराधना करते हैं।
कन्या पूजा कराने का महत्व-
राम नवमी के दिन कन्या पूजन करने से भक्तों को मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है, कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है इसलिए आज के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है।
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