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Madhya Pradesh: विदेश की नौकरी छोड़ गांव की जिदंगी जी रहे हैं आईआईटी टॉपर्स साक्षी और अर्पित

Madhya Pradesh

Madhya Pradesh: दरअसल हम बात कर रहे है आईआईटी टॉपर्स रहे अर्पित माहेश्र्वरी और साक्षी भाटिया की जिन्होंने सुख चैन के सभी आराम छोड़कर मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के एक छोटे से कस्बे बड़नगर में आ बसे है।

ये करीब चार साल से यहां बसे हुए है और बागवानी, खेती करते हुए अपना जीवन-यापन बीता रहे है। इन्होंने एक नेचुरल फार्म जीवंतिका की स्थापना की, जो की डेढ़ एकड़ में फैला हुआ है। यहां पर ये अपने जरुरत की सभी चीजें प्रकृतिक तौर पर उगाते है।

आखिर क्यों छोड़ी कई करोड़ों की नौकरी

Sakshi Bhatia

अब सवाल यह उठता है की इन दोनों ने आईआईटी में टॉप करने के बाद और कंप्यूटर सांइस की इतनी मंहगी पढ़ाई करने के बाद अपना जीवन खेती में क्यों लगा रहे है, तो इसके पीछे एक कारण है की इन दोनों को घूमने का बहुत शौक था। घूमने के साथ-साथ ये दोनों अलग- अलग लोगों से मिलना और उनकी स्थानीय संस्कृति को समझना खूब  पंसद करते थे।

एक बार दोनों ने मिलकर साउथ अमेरिका की एक लंबी ट्रिप पर जाने का फैसला किया, यह ट्रिप उनके जीवन का ट्रनिंग पॉइन्ट था। इस ट्रिप में ही इन्होंने अपने सभी जरुरी सामानों को बेचकर एक साधारण जीवन जीने का फैसला कर लिया था, उन्होंने साउथ अमेरिका में काफी समय तक बच्चों को पढ़ाया, और खुद नए नए अनुभव जी रहे थे।

जानिए इनकी मजेदार कहानी.

अमेरिका के बाद उन्होंने दुनिया के कई हिस्सों में घूमना शुरु किया और घूमते-घूमते वे भारत वापस आए और पुडुचेरी के ऑरोविल में एक इकोविलेज में समय बिताया जहां उन्होंने सामुदायिक जीवन, कृषि जीवन, और पर्यावरण के साथ जीवन बिताना सीखा। यहीं पर प्राकृतिक खेती के बारे में भी सीखा। इस जीवन शैली में जीने के बाद ही इन्होंने एक समुदाय बनाने का सपना भी देखा। जिसके बाद ये दोनों मध्य भारत आकर उज्जेन के बड़नगर में रहने लगे।

अर्पित माहेश्र्वरी और मूल रुप से राजस्थान जोधपुर शहर का रहने वाला हैं तो साक्षी दिल्ली की रहने वाली है। यहां से इन दोनों का घर भी पास पड़ता है।

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