नई दिल्ली: एक बार फिर से पीएम केयर्स फंड का मुद्दा चर्चाओं में आ गया है, कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता और कार्यकर्ता पीएम केयर फंड के पैसे पर सवाल उठाने लगे हैं। कांग्रेस पार्टी अपने कुछ सवाल पर अड़ी हुई है कि पीएम केयर्स फंड में आए 40 से 50 हज़ार करोड़ रुपये कहां गए। पीएम केयर फंड का मालिक कौन हैं और इस फंड के पैसो की जानकारी को गुप्त क्यों रखा गया है।
कोर्ट में दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का जबाव:
कुछ दिनों पहले पीएम केयर्स फंड को लेकर वकील सम्यक गंगवाल ने दिल्ली कोर्ट में एक याचिका दर्ज कराई थी जिसमें उन्होनें इस फंड से जुडे सभी सवालों के जबाव मांगे थे साथ इस फंड की सभी जानकारी को पब्लिक करने को कहा था ताकि देश के हर नागरिक को पीएम केयर फंड की जानकारी प्राप्त हो और इस फंड के पैसो को इस्तेमाल कहां हुआ है इसकी भी जानकारी हो।
हाई कोर्ट में दायर याचिका में यह कहा गया कि यह फंड पीएम के नाम पर शुरू किया गया है लेकिन यह भारत सरकार का फंड नहीं है।
सवालों का बचाव करते हुए कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक अधिकारी ने कोर्ट ट्रस्ट चाहे संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत “स्टेट” हो या ना हो और आरटीआई कानून के तहत “पब्लिक अथॉरिटी” हो या ना हो, लेकिन किसी भी “थर्ड पार्टी की जानकारी देने की हमें अनुमति नहीं है”।
लोगों की प्रतिक्रिया:
निजी फंड या घोटाला…
PM Care Fund मोदी जी का Private Fixed Deposit बनकर रह गया है!
सरकार ने कहा RTI के दायरे में नहीं आता है!!
— Mukesh Sharma (@MukeshSharmaMLA) September 23, 2021
➡पीएम केयर्स फंड को लेकर केंद्र सरकार का जवाब
➡दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र ने जवाब दाखिल किया
➡PM केयर्स फंड RTI दायरे में नहीं ला सकते हैं- केंद्र
➡#PMCaresFund भारत सरकार से जुड़ा नहीं है-केंद्र
➡पीएम केयर्स फंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ा हुआ- केंद्र। pic.twitter.com/zkLqvoGKSI
— भारत समाचार (@bstvlive) September 23, 2021
पीएम केयर्स फंड भारत सरकार का फंड नहीं है. ये बात खुद @PMOIndia की तरफ से #DelhiHighCourt को बताई गई है. किसी महामारी या आपातकाल परिस्थितियों में लोगों की मदद के लिए बनाए गए #PMCaresFund पर सरकार ने कोर्ट में स्पष्टीकरण दिया है.https://t.co/RytjIcVX5W
— The Lallantop (@TheLallantop) September 23, 2021
अगर पीएम केयर फंड सरकारी नहीं तो उसमें सरकारी कर्मचारियों की तनख़्वाह काटकर पैसे क्यों डाले गए?
कैसे किसी निजी व्यक्ति को ‘प्रधानमंत्री’ शब्द के प्रयोग का अधिकार दिया गया?
— Ashok Kumar Pandey अशोक اشوک (@Ashok_Kashmir) September 23, 2021