SC (suprem court) ने धर्मांतरण के फैसले पर सुनवाई करते हुए कहा हैं, कि दबाव, धोखे या लालच से धर्म परिवर्तन कराना बहुत ही गंभीर मामला है। SC कोर्ट का कहना है कि यह न सिर्फ धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ हैं, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिए भी नुकसान पहुंचाने वाली बात है.SC कोर्ट ने अवैध या जोर जबरदस्ती द्वारा धर्मांतरण के खिलाफ कानून की मांग पर केंद्र सरकार से 22 नवंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है. जिसकी अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी.
धर्म परिवर्तन को नहीं दिया जाना चाहिए राजनितिक रंग
न्यायाधीश एमआर शाह और न्यायाधीश सीटी रविकुमार की बेंच ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी को कहा हैं कि हम लोग चाहते हैं कि अगर कही बलपूर्वक या फिर लालच के तौर पर अपना धर्म करा रहें है, या हो रहे हैं। तो इनका पता लगाया जाए और इसका कारण भी जाने कि आखिर अगर ऐसा हो रहा है, तो फिर हमें क्या करना चाहिए? और इसके सुधार के लिए क्या किया जाना चाहिए और कैसे करें।और इस मामले में केंद्र मदद करे।
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SC कोर्ट ने अवैध रूप से धर्मांतरण पर जारी किया नोटिस
कुछ राज्यों में धोखे, लालच या अंधविश्वास फैला कर धर्मांतरण किया जाता हैं। जिसके विरूध्द में कई कानूनों को बना रखा हैं। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ कोई कानून नहीं हैं। और इस सम्सया का समाधान इस ढीले रूख के सात दूर नहीं किया जा सकता हैं। धर्मों के परिवर्तन करवाने के लिए बहुत बड़े पैमानों पर विदेशी फंडिंग चल रही है। और इन सभी पर ध्यान देने की काफी ज़रूरत है।जिसके बाद जजों ने वकील की थोड़ी देर तक बातों को सुनने के बाद ही माना था, कि यह एक बेहद ही गंभीर विषय है। जिसके बाद ही SC कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय को एक नोटिस जारी कर दिया था।
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