Top News

इतिहास के पन्नों में दफ्न हैं भारत पाकिस्तान बंटवारे से जुड़ी ये 9 दर्दनाक घटनाएं –

अगस्त, 1947 में, जब भारत तीन सौ साल बाद, अंग्रेजों से आजाद हुआ, तो इस सबसे बड़े उपमहाद्वीप को दो स्वतंत्र राष्ट्र राज्यों में विभाजित किया गया। भारत और पाकिस्‍तान। यह विभाजन दुनिया के इतिहास की सबसे बड़ी दिल दहला देने वाली घटनाओं में से एक था। क्‍योंकि दो राष्‍ट्रो का यह विभाजन कई निर्दोष लोगों की जिंदगियों को ले डूबा कई लोगों ने अपने घर और लोगों को जिंदा जलते देखा।  

यहां हम बात करने वाले हैं भारत पाकिस्‍तान बटवारे से जुड़े कुछ ऐसे तथ्‍यों की जो इस बटबारें की चौंका देने वाली सच्‍चाई बयां करते हैं।

1. बटवारें के समय भारत सरकार ने यह अनुमान लगाया था कि विभाजन के दौरान लगभग 14.5 मिलियन लोग अपने स्‍थान से विस्थापित हुए थे। ये पहली बार हुआ था जब इतनी ज्‍यादा संख्‍या में लौग अपने घरों और जमीनें छोड़कर किसी दूसरे स्‍थान पर गए थे।  यह मानव इतिहास में सबसे बड़े सामूहिक प्रवास का कारण बना।

2. बटवारें के समय मरने वाले लोगों की संख्‍या 30 लाख के आसपास या ज्‍यादा थी। यह भी इतिहास मे पहली बार था जब किसी बटवारें में इतने सारे लोगों ने अपनी जान गवाई थी।

3. महात्‍मा गांधी की हत्‍या: भारत पाकिस्‍तान तो अलग हुए लेकिन संपत्ति बटवारें के लेकर बहुत समय लगने लगा, इसी को लेकर राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने भारत सरकार पर दबाव डाला की भारत सरकार पाकिस्‍तान को जल्‍दी पैसे भेजे ताकि वहां के लोगों को भी मदद मिल पाए। महात्‍मा गांधी के अनशन के आगे भारत सरकार को छुकना पड़ा और पाकिस्‍तान को पैसे भेजे गए। बाद में महात्‍मा गांधी को नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मार दी गई।

4. सिरिल रेडक्लिफ, वह व्यक्ति जिसने दोनों देशों के बीच की सीमा को डिजाइन किया था, जो विभाजन के कुछ दिन पहले ही भारत आया था और उसे देश के भौगोलिक लेआउट के अलावा किसी भी चीज के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।अपनी अज्ञानता में, उन्होंने धार्मिक और सांस्कृतिक समुदायों पर विचार किए बिना देश को विभाजित किया, इस प्रकार हिंदू और मुसलमानों के बीच दरार पैदा हुई।

5. कभी सोचा है कि पाकिस्तान को 14 अगस्त को और भारत को 15 अगस्त को स्वतंत्रता क्यों मिली? माउंटबेटन व्यक्तिगत रूप से पाकिस्तान और भारत के स्वतंत्रता समारोह दोनों में शामिल होना चाहते थे। लेकिन एक ही दिन यह संभव नहीं था कि दोनों देशों ने एक ही दिन स्वतंत्रता प्राप्त की हो। इसी के चलते पाकिस्‍तान को 14 अगस्‍त और भारत में 15 अगस्‍त को स्‍वतंत्रता दिवस मनाई गई।

6. जम्मू और कश्मीर की रियासत ने तय नहीं किया था कि अगस्त 1947 तक उन्‍हें किस पक्ष में शामिल होना है। पाकिस्तान का मानना था कि जम्मू-कश्मीर; मुसलमानों को बड़ी संख्या में घर बसाने के बाद से उनका पक्ष रखना चाहिए। हालांकि, अक्टूबर 1947 में हिंदू महाराजा भारत में शामिल होने के लिए सहमत हो गए थे।

7. बटवारें के समय ब्रिटिश सैनिक देश में तैनात थे, लेकिन उन्हें कुछ नहीं करने के लिए कहा गया था। उन्हें केवल ब्रिटिश लोगों की जान बचाने के लिए कार्य करने का निर्देश दिया गया था।

8.  बटवारें के साथ भारत में क्राइम रेट भी सबसे ज्‍यादा बड़ा समुदायों की आवाजाही, विशेषकर पंजाब और बंगाल में, कई अन्य अपराधों के कारण हुई। लोगों का अपहरण कर लिया गया, धर्मपरिवर्तन के लिए मजबूर किया गया और हज़ारो महिलाओं को यौन हिंसा का शिकार बनाया गया और अक्सर उनकी हत्या कर दी गई।

9. राष्ट्रपिता, गांधी विभाजन के समय दिल्ली में मौजूद नहीं थे। इसके बजाय, वह 15 अगस्त, 1947 को कलकत्ता में थे, जहाँ उन्होंने प्रार्थना की, दंगाइयों का सामना किया और हुसैन शहीद सुहरावर्दी के साथ सांप्रदायिक हत्या को रोकने के लिए काम किया। उन्होंने स्वतंत्रता के दिन उपवास की कसम खाई थी।

यह भी जरूर पढ़े-मैगी का नाम क्यों पड़ा मैगी, यहां जाने 2 मिनट में तैयार होने वाली मैगी की दिलचस्प कहानी-

Share post: facebook twitter pinterest whatsapp