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रोजाना सुबह शाम केवल 5 मिनट लें भाप, फेफड़ों के लिए करेगी सेनेटाइजर का काम : शोध

कोरोना की दूसरी लहर पूरे भारत में तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। वैज्ञानिकों की मानें तो इस लहर में जो कोरोना का जो नया स्ट्रेन केके सामने आया है, वो लोगों को सीधे बिना किसी लक्षण अपनी चपेट में ले रहा है। इससे लोगों में डर का माहौल बन गया है। लेकिन ये भी पूरी तरह सच है कि कोरोना से लड़ाई डर कर नहीं, बल्कि समझदारी के साथ लड़ कर जीती जा सकती है। तो इस लड़ाई में एक कारगर हथियार है, जिसका रोज सुबह शाम केवल 5 मिनट उपयोग कर आप कोरोना को खुद से दूर रख सकते हैं।

ऐसे में यदि कोरोना यदि शरीर पर हमला भी करता है, तो वो फेफड़ों तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाएगा। इस उपाय में आपको सुबह शाम केवल 5-5 मिनट तक भाप लेना है। कोरोना के इलाज को लेकर हुए तमाम शोधों में अब तक भाप सबसे ताकतवर हथियार के रूप में सामने आई है।कोरोना का ये नया स्ट्रेन सीधे फेफड़ों पर हमला कर रहा है। इसलिए इस बार युवाओं को भी ऑक्सीजन, बाईपेप और वेंटीलेटर सपोर्ट तक की जरूरत पड़ रही है।

ऐसे कठिन समय में थर्मल इनएक्टिवेशन ऑफ सोर्स कोविड वायरस पर किए गए शोध से उत्साहवर्धक नतीजे सामने आए हैं। इस शोध के मुताबिक कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने में भाप सबसे कारगर हथियार है। ये शोध हाल ही में जर्नल ऑफ लाइफ साइंस में प्रकाशित किया गया है।

भाप को बताया फेफड़ों का सेनेटाइजर :
इस नवीन शोध में भाप को फेफड़ों का सेनेटाइजर बताया गया है। देश के दो अग्रणी आयुर्विज्ञान संस्थान किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएशन मेडिकल इंस्टीट्यूट के चिकित्सा विशेषज्ञों ने पाया कि रोजाना दिन में 2 से 3 बार 5 मिनट तक भाप लेने से वायरस मात खा सकता है। इस शोध के बाद डॉक्टरों ने भाप को फेफड़ों के सेनेटाइजर की उपाधि दे दी है।

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्पिरेट्री मेडिसन के एचओडी सूर्यकांत त्रिपाठी की मानें तो वायरस सबसे पहले मुंह, नाक और गले पर ही हमला करता है। इसके बाद ही वो फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। इस दौरान रोजाना भाप लेने से वायरस की सक्रियता को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

नए स्ट्रेन में भी कारगर है भाप : 
लेकिन पिछले एक साल में कोरोना वायरस बार बार अपना स्वरूप बदल रहा है। नया स्ट्रेन नाक के पैरानासल साइनस के आंतरिक लेयर से होकर सीधे फेफड़ों में पहुंच रहा है। वहीं भाप इस पर कारगर है। दरअसल भाप पैरानासल साइनस में छिपे वायरस को निष्क्रिय कर फेफड़ों में इसके जमाव को रोकता है। चिकित्सकों की मानें तो रोजाना सुबह शाम केवल 5 मिनट तक भाप लेने से वायरस निष्क्रिय हो सकता है। साथ ही भाप लेने की आदत से वायरस का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में होने वाला संक्रमण भी काफी हद तक रुक जाता है।

भाप से वायरस हो जाता है अपंग :
अध्ययन बताते हैं कि भाप से वायरस अपंग हो जाता है। 50 डिग्री सेल्सियस पर वायरस को पैरालाइज हो जाता है और 60 डिग्री सेल्सियस पर वायरस इतना कमजोर हो जाता है कि शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र ही उसे खत्म कर देता है। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएशन मेडिकल इंस्टीट्यूट में माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ. उज्ज्वला घोषाल बताती हैं कि भाप के इस्तेमाल से लाखों लोगों को राहत मिली है।

इन तरीकों से लें भाप :
1. वेपोराइजर से सादे पानी के साथ भाप ले सकते हैं, इसमें एक चुटकी नमक डालने से भाप की तीव्रता तेज हो जाती है।
2. वेपोराइजर में विक्स भी डाल कर भाप ले सकते हैं।
3. संतरे, नींबू के छिलके भी भाप लेने का बेहतरीन तरीका है।
4. लहसुन, टी ट्री ऑयल, अदरक नीम की पत्तियों की भी भाप ले सकते हैं। 
इन चीजों को पानी में डालने से वायरस कमजोर होता है, क्योंकि इनमें एंटीमाइक्रोबियल तत्व होते हैं।

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